मिड डे मील में नमक रोटी दिए जाने की खबर छापने वाले पत्रकार को बड़ी राहत
पवन जायसवाल ने मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी दिए जाने पर रिपोर्ट की थी.
प्रयागराज : यूपी के मिर्जापुर के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी दिए जाने के चर्चित मामले में योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है. इस मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने दखल देते हुए न सिर्फ ख़बर सामने लाने वाले पत्रकार का पुलिसिया केस ख़त्म करा दिया है, बल्कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की भी सिफारिश की है. काउंसिल ने इस मामले में सरकार के कामकाज और रवैये पर भी सवाल उठाए हैं और कहा कि सरकारी अमले ने पत्रकार के खिलाफ क्रूर कार्रवाई की थी. सरकारी अमले ने व्यवस्था को ठीक करने के बजाय मैसेंजर पर ही शिकंजा कसा और उसके खिलाफ केस दर्ज किया.
काउंसिल द्वारा इस मामले में सुओ मोटो लिए जाने के बाद मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी दिए जाने को लेकर खबर छापने और वीडियो वायरल करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल को बड़ी राहत मिली है. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के दखल के बाद मिर्जापुर पुलिस ने केस से पत्रकार का नाम हटा दिया है. इस बात की जानकारी खुद पत्रकार मामलों से जुड़ी सर्वोच्च संस्था प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी है. उन्होंने इस बात पर चिन्ता जतायी है कि इस गम्भीर मामले को लेकर किसी पत्रकार संगठन ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में कोई शिकायत नहीं की थी. लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रेस काउंसिल आफ इंडिया ने सुओ मोटो लेते हुए जांच की. जिसके बाद मिर्जापुर पुलिस का जवाब आया है कि पत्रकार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है और केस से भी उसका नाम हटा दिया गया है.
हांलाकि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने कहा है कि इस कार्रवाई से प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा है कि दोषी अफसरों के खिलाफ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया कार्रवाई की भी सिफारिश करेगी. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने कहा कि यह घटना पत्रकार के खिलाफ क्रूर कार्रवाई है. जिसमें व्यवस्था को ठीक करने के बजाए मैसेंजर के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी गई. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के हस्तक्षेप के बाद पत्रकार के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाने पर योगी सरकार के अफसरों के कामकाज पर भी गम्भीर सवाल खड़े हो रहे हैं. गौरतलब है कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रमौली कुमार प्रसाद प्रेस पर हमले और पत्रकारों की शिकायतों की जनसुनवाई करने पहुंचे थे. प्रयागराज में दो दिनों तक हुई जनसुनवाई में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने 45 केसों की सुनवाई की और 33 केसों का निर्णय किया. जबकि 18 मामलों का निस्तारण भी हुआ. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सामने लगभग चालीस मामले यूपी और अन्य मामले आन्ध्र प्रदेश व दूसरे राज्यों से सम्बन्धित थे.