लखनऊ/कानपुर: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हनुमान जी को दलित कहने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव के समय धार्मिक मुद्दों को उछालकर विकास से ध्यान भटकाया जा रहा है. अखिलेश कानपुर देहात के झींझक क्षेत्र के गांव में खंजाचीनाथ के दूसरे जन्मदिन पर उसके माता-पिता को घर का तोहफा दिया.


उन्होंने कहा, "केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार लंबे समय से विकास की बात कर रही थी. देश व प्रदेश में विकास की लंबी बातें करने वाली पार्टी के मुंह से अब विकास की बात गायब हो गई है. बीजेपी जब कोई काम करने में नाकाम रही तो लोगों को लड़ाने का काम शुरू कर दिया है."


अखिलेश ने कानून व्यवस्था पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में डर और भय का माहौल है. वहीं पुलिस फर्जी एन्काउंटर कर रही है. फर्जी अपराधी बनाकर एन्काउंटर किया जा रहा है. पुलिस वाले खुद को फर्जी गोली मार रही है. इन सबके चलते अपराध कम होने के बजाय बढ़ा है. फर्जी एन्काउंटर की बात हम (विपक्ष) नहीं कह रहे, बल्कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ये बात कही है."


पूर्व मुख्यमंत्री ने चलते-चलते मेट्रो पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा, "मैं तो कानपुर आया था यह सोचकर कि मेट्रो में भी घूम लूंगा, लेकिन सपा की सरकार जाने के बाद से मेट्रो का काम बिल्कुल ठप हो गया.हमें तो विकास को ही भगवान मानना चाहिए. विकास का हर काम हमारे लिए तो सबसे बड़ा मंदिर है. विकास के काम से ही जनता तो राहत मिलती है."


बता दें कि हाल ही में सीएम योगी ने इस मामले को तूल दिए जाने पर उन्होंने इशारों में अपनी नाराज़गी जताई और चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जिन्हे धर्म के मर्म की जानकारी नहीं है, वह भी हर बात को संकीर्णता के दायरे में लाकर सोचते हैं और बाल की खाल निकालने का काम करते हैं. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि किसी के काम पर उंगली उठाना आसान होता है, लेकिन अगर दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय हर कोई अपनी ज़िम्मेदारी निभाने लगे तो यह धरती दिव्यलोक बन सकती है. सीएम योगी ने इशारों में अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा कि अगर लोग दूसरों की कमियां खोजने के बजाय उनकी गलतियों से सबक लें तो देश की तस्वीर बदल सकती है.