SC/ST के बाद OBC को प्रमोशन में आरक्षण दिलाने के लिए मिलकर लड़ना होगा: तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ''SC-ST के लिए प्रमोशन में आरक्षण बहाल करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद. अब सभी को मिलकर ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों के लिए भी प्रमोशन में आरक्षण की सिफ़ारिश लागू करने की लड़ाई लड़नी होगी. मंडल कमीशन की रिपोर्ट में इसका प्रावधान है.''
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार से कहा कि जब तक संविधान पीठ इस मुद्दे पर अन्तिम फैसला नहीं लेती तब तक वह कानून के मुताबिक SC/ST कर्मचारियों को प्रमोशन में रिजर्वेशन दे सकती है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों के लिए भी प्रमोशन में आरक्षण की सिफ़ारिश लागू करने की लड़ाई लड़नी होगी.
तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ''SC-ST के लिए प्रमोशन में आरक्षण बहाल करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद. अब सभी को मिलकर ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों के लिए भी प्रमोशन में आरक्षण की सिफ़ारिश लागू करने की लड़ाई लड़नी होगी. मंडल कमीशन की रिपोर्ट में इसका प्रावधान है.''
SC-ST के लिए प्रमोशन में आरक्षण बहाल करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद।
अब सभी को मिलकर ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों के लिए भी प्रमोशन में आरक्षण की सिफ़ारिश लागू करने की लड़ाई लड़नी होगी। मंडल कमीशन की रिपोर्ट में इसका प्रावधान है। — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 5, 2018
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, ''लोक जनशक्ति पार्टी सर्वोच्च न्यायालय के प्रोन्नति में आरक्षण लागू किए जाने के आदेश का सवागत करती है. सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ी बेंच में सुनवाई होने तक प्रोन्नति में आरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है.''
लोक जनशक्ति पार्टी सर्वोच्च न्यायालय के प्रोन्नति में आरक्षण लागू किए जाने के आदेश का सवागत करती है।सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ी बेंच में सुनवाई होने तक प्रोन्नति में आरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है।
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) June 5, 2018
साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना मात्रात्मक डेटा के SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. प्रमोशन में आरक्षण कर रहे वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ये साबित करना जरूरी है कि नौकरी में SC/ST का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है और इसके लिए डेटा देना होगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ तब याचिका दाखिल की गई. इस याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की पीठ का गठन किया है.