पीएम मोदी के प्रस्तावक रहे महामना के पौत्र बने BHU के नये चांसलर, लोगों ने दी बधाई
अपनी नियुक्ति के बाद जस्टिस मालवीय ने कहा है कि दादा महामना मालवीय द्वारा स्थापित यूनिवर्सिटी का चांसलर बनना उनके लिए ज़्यादा खुशी व गौरव की बात है.
प्रयागराज: लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट पर पीएम मोदी के प्रस्तावक रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस गिरधर मालवीय को बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी का नया चांसलर नियुक्त किया गया है. जस्टिस गिरधर मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के संस्थापक रहे पंडित मदन मोहन मालवीय के पौत्र हैं. उन्होंने बीएचयू की खोई हुई गरिमा को वापस दिलाने, इस यूनिवर्सिटी को देश की नंबर वन एजूकेशनल इंस्टीट्यूट बनाने और वहां ज़्यादा से ज़्यादा रिसर्च वर्क कराने को अपनी प्राथमिकता बनाया है. चांसलर बनने पर तमाम लोगों ने उन्हें बधाई दी है.
जस्टिस मालवीय को चांसलर चुनने का फैसला आज बीएचयू कोर्ट की बैठक में लिया गया और मंजूरी के लिए सिर्फ एक ही नाम को राष्ट्रपति भवन भेज दिया गया. सूत्रों के मुताबिक़ राष्ट्रपति भवन ने भी जस्टिस मालवीय के नाम पर अपनी मुहर लगा दी है. देश की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज में शुमार बीएचयू में इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री डा० कर्ण सिंह चांसलर थे.
अपनी नियुक्ति के बाद जस्टिस मालवीय ने कहा है कि दादा महामना मालवीय द्वारा स्थापित यूनिवर्सिटी का चांसलर बनना उनके लिए ज़्यादा खुशी व गौरव की बात है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस गिरधर मालवीय को केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही गवर्नर बनाए जाने की चर्चा थी. महामना मदन मोहन मालवीय ने बीएचयू की स्थापना 1916 में की थी.
बता दें कि राम मंदिर निर्माण पर अपनी राय रखते हुए जस्टिस गिरधर मालवीय ने कहा था कि संसद मंदिर निर्माण के लिए क़ानून नहीं बना सकती. उसे ऐसा करने का अधिकार भी नहीं है, क्योंकि क़ानून बनाने के भी कुछ नियम हैं और उन नियमों के तहत कम से कम मंदिर निर्माण के लिए क़ानून तो नहीं बनाया जा सकता.
जस्टिस गिरधर मालवीय का मानना है कि नई बेंच में सुनवाई शुरू होने के बावजूद केस का फैसला आने में ज़्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए, क्योंकि पिछली बेंच में हुई सुनवाई के रिकार्ड फाइलों में दर्ज रहते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर पक्षकारों ने इस मामले में बेवजह की तारीख नहीं ली तो फैसला लोकसभा चुनाव से पहले भी आ सकता है.