वाराणसी: शहीद रामबाबू को पूरे राजकीय सम्मान के साथ दी गई विदाई
जम्मू कश्मीर के हंदवाड़- कुपवाड़ा के करालगुंड के पास काचलू गांव में हुई फायरिंग में शहीद हुए सेना के जवान का पार्थिव शरीर देर शाम वाराणसी के अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से लाया गया था. राइफल मैन रामबाबू शाही का परिवार की इच्छा पर शहीद जवान के शव का हरिश्चंद्र घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया.
वाराणसी: आतंकियों से लोहा लेते हुए भारत माता के एक लाल रामबाबू शहीद हो गए. वाराणसी के 39 जीटीसी मैदान में लोगों ने अपने वीर सपूत को विदाई दी. शहीद रामबाबू 2013 में सेना में भर्ती हुए थे. रामबाबू 5 बहनों में अकेले भाई थे. 39 जीटीसी में अपने वीर सपूत को विदाई देने वाले सभी लोगों की आंखे नम थी. पत्नी और परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल था.
जम्मू कश्मीर के हंदवाड़- कुपवाड़ा के करालगुंड के पास काचलू गांव में हुई फायरिंग में शहीद हुए सेना के जवान का पार्थिव शरीर देर शाम वाराणसी के अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से लाया गया था. राइफल मैन रामबाबू शाही का परिवार की इच्छा पर शहीद जवान के शव का हरिश्चंद्र घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया.
Varanasi: Guard of Honour accorded to Rifleman Ram Babu Shahi who succumbed to his injuries during a counter-terrorist operation in Rafiabad's Kachhlu of Baramulla district, on August 17. pic.twitter.com/tDNkYV7kcf
— ANI UP (@ANINewsUP) August 19, 2018
हरिश्चंद्र घाट पर शहीद रामबाबू के पिता ने उन्हें मुख्यग्नि दी
शव आने की पूर्व सूचना पर 39 जीटीसी के जवान पहले से ही एयरपोर्ट पर मुस्तैद थे. हरिश्चंद्र घाट पर शहीद रामबाबू के पिता ने उन्हें मुख्यग्नि दी. जवान का शव कल रात कैंटोमेंट स्थित 39 जीटीसी में लाया गया था जहां उनके पार्थिव शरीर को 39 जीटीसी में सम्मान के साथ विदाई देकर अंतिम संस्कार यात्रा निकाली गई. अंतिम संस्कार के पहले वाराणसी के 39 जीटीसी स्थिति सेना मुख्यालय पर जिलाधिकारी वाराणसी, एसएसपी वाराणसी सहित सेना के जवानों ने अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किया. उसके बाद वीर सपूत का शव यात्रा हरिश्चंद्र घाट के लिए निकली.
शहीद रामबाबू शाही को राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई
वाराणसी में 39 गोरखा रेजिमेंट के कमान्डेंट ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बंसला ने बताया की शहीद रामबाबू शाही को राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई. हमें गर्व है की हमारे गोरखा रायफल्स का जवान अपने लाइन आफ ड्यूटी में अपना काम करते हुए, आतंकियों से लोहा लेते हुए देश के लिए शहीद हुआ. जिसका आज वाराणसी में राजकीय सम्मान के साथ वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार किया गया.
कुपवाड़ा में 16 अगस्त को हुई आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान राम बाबू को हंदवाड़ा में गोली लगी थी
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 16 अगस्त को हुई आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान राम बाबू को हंदवाड़ा में गोली लगी थी. जहां अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. 24 साल के राम बाबू ने 2013 में सेना ज्वाइन की थी.वो नेपाल के चिटबन जिले गांव जगतपुर के रहने वाले थे. उनकी पत्नी और एक बेटी भी है.परिजनों की इच्छा थी की इसकी ट्रेनिंग यहां हुई थी इसलिए यही अंतिम संस्कार किया जाए.
वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया की वीर सैनिक रामबाबू का आतकंवादियों से लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गए उनके वीरता , बहादुरी और शहादत पर हमें गर्व है. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका पार्थिव शरीर लाया गया है. वे मूलतः नेपाल के जनपद चितरन जनपद के निवासी थे.
शहीद जवान रामबाबू के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा की पांच बहनों में एकलौता बेटा था जो आंतकवादियों से लड़ते हुए देश की सेवा में शहीद हो गया. उसकी शादी तीन साल पहले हुई थी उसका 2 साल की एक बच्ची भी है.
39 जीटीसी से लेकर हरिश्चंद्र घाट तक के पूरे रास्ते पर सभी लोगों ने देश पर अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले वीर सपूत को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करके उन्हें अंतिम विदाई दी.