लखनऊ: आख़िरकार रिमझिम की मेहनत रंग लाई. छह साल की अनाथ बच्ची ने अपने पिता की अधूरी ख़्वाहिश पूरी की. जब रिमझिम की मुलाक़ात यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई. योगी ने लखनऊ में उसे अपने सरकारी घर पर बुलाया. रिमझिम ने अपने पिता की बनाई खडाऊ सीएम को दी. यही तो उसके पिता आनंद शर्मा भी चाहते थे.


उन्होंने अपने हाथों से इसे बनाया था. उनकी इच्छा थी कि वो इसे सीएम योगी को भेंट करें लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था. आनंद शर्मा बिजली विभाग में ठेके पर काम करते थे. पिछले साल नवंबर महीने में बिजली के खम्भे में करंट लगने से उनकी मौत हो गई थी. रिमझिम जब तीन साल की थी, तब उसकी मां गुज़र गई थीं.


यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिमझिम को 5 लाख रूपये दिए जिसे बैंक में जमा करा दिया जाएगा. इससे मिलने वाला ब्याज उसकी पढ़ाई का ख़र्च होगा. रिमझिम का 5 लाख रूपये का बीमा भी कराने का फ़ैसला हुआ है. इससे पहले बिजली विभाग भी उसे पाँच लाख रूपये की आर्थिक मदद देने का एलान कर चुकी है.


योगी ने रिमझिम से इसकी पढ़ाई के बारे में पूछा. वो एक सरकारी स्कूल में पढ़ती है. योगी ने रिमझिम से इस बात की भी जानकारी ली कि उसे स्कूल बैग और किताबें मिली हैं या नहीं. बच्ची ने योगी को हिंदी में एक कविता भी सुनाई. लेकिन जब योगी ने उससे पूछा तुम बड़ी होकर क्या बनना चाहती हो, रिमझिम हंस कर रह गई.


अनाथ रिमझिम ने अपने पिता के निधन के बाद उनकी अधूरी ख़्वाहिश को पूरा करने की ठान ली. वो अपने नानी के घर लखनऊ के माल इलाक़े में रहती है. सबसे पहले उसने अपने पिता की इच्छा वाली बात अपने मामा को बताई. फिर रिमझिम मामा के साथ गाँव के प्रधान के पास गई.


उनसे कहा कि वो योगी आदित्यनाथ से मिल कर उन्हें वो खडांऊ देना चाहती है जिसे उसके पिता ने बनाया था. लेकिन प्रधान उसकी कोई मदद नहीं कर पाये. फिर एक दिन वो अपने घर वालों के साथ इलाक़े के सांसद कौशल किशोर से मिलने गई, उन्हें भी अपने मन की बात बताई, लेकिन यहाँ भी बात बन नहीं पाई.


इसी बीच ये ख़बर मीडिया में आ गई कि एक अनाथ लड़की अपने पिता की बनाई खड़ांऊ मुख्यमंत्री को देना चाहती है. योगी आदित्यनाथ ने सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी से मामले की पूरी जानकारी ली. लखनऊ के डीएम कैशलराज शर्मा से रिपोर्ट मँगवाई, फिर रिमझिम को मुख्य मंत्री के घर बुलाया गया. उसकी नानी, मामा और मामी सब साथ ही योगी के घर आए.