देवरिया: मां विध्यवासिनी बालिका गृह मामले पर प्रेस कांफ्रेस करते हुए महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. जांच में पता चला है कि 18 लापता लड़कियों में से एक की मौत हो गई है और तीन को विदेश में बेचा गया है. बाकि 14 लड़कियों का कोई पता नहीं चल पाया है. उन्होंने कहा  रिपोर्ट में कई राज खुलकर सामने आएंगे. बता दें कि पुलिस ने छापेमारी कर 24 लड़कियों क़ो छुड़ाया है. बाकी लड़कियों की तलाश की जा रही है. बालिका गृह के रजिस्टर में कुल 42 नाम दर्ज थे. इस मामले को लेकर रीता बहुगुणा ने पिछली सरकारों पर भी निशाना साधा.


रीता बहुगुणा ने कहा कि यह लापरवाही है या सहानुभूति, ये रिपोर्ट आने पर ही तय किया जाएगा. मुख्यमंत्री खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं. इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने देवरिया के डीएम को सस्पेंड कर दिया है, वहीं 2  औरअधिकारी निलंबित कर दिए गए हैं.






रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि पिछले साल सीबीआई की जांच के बाद ये सामने आया था कि ये बालिक गृह अवैध रूप से चल रहा है. इस तत्काल बंद करने और बच्चों को वहां से ट्रांसफर करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ. विभाग ने पिछले दिनों इस मामले में एक मुकदमा भी दर्ज कराया था.


बता दें कि मां विंध्यवासिनी प्रशिक्षण एवं समाज कल्याण केंद्र नाम की यह संस्था साल 2009 से बालिका गृह संचालित कर रही है. इसी बीच यूपी में मजदूरों के बच्चों के लिए डे केयर की योजना शुरू की गई, जिसमें करोड़ों रुपये की अनियमितता की बात सामने आई.


जब यह मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंपा गया तो सीबीआई ने कुछ संस्थाओं को प्रतिबंधित कर दिया. इन्हीं में से एक संस्था थी माँ विंध्यवासिनी समाज कल्याण केंद्र, जिसको जून 2017 में प्रतिबंधित कर दिया गया.


एक साल से संस्था ने सीबीआई के प्रतिबंध के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील डाल रखी है लेकिन फिलहाल संस्था को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. इस बीच सवाल ये उठता है कि जब संस्था एक साल से अधिक वक्त से प्रतिबंधित है तो वो लड़कियों को रखने का खर्च कहां से वहन कर रही थी.