बिहार: सीटों के बंटवारे को लेकर टूट के कगार पर महागठबंधन, कांग्रेस डबल डिजिट में सीटें चाहती है
Lok Sabha Election 2019: कांग्रेस बिहार में 15 सीटों की मांग कर रही है, जबकि आरजेडी उसे 8 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है. सीटों का समझौता नहीं होने के चलते दोनों पार्टियों के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं.
Lok Sabha Election 2019: बिहार में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर बात बनती हुई नजर नहीं आ रही है. आरजेडी-कांग्रेस के बीच सीटों की तनातनी को लेकर खटास इतनी बढ़ चुकी है कि बिहार में महागठबंधन टूट की कगार पर पहुंच गया है. दरअसल बिहार महागठबंधन में लालू यादव की पार्टी आरजेडी, कांग्रेस, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLSP, जीतन राम मांझी की पार्टी HAM, मुकेश सहनी की पार्टी VIP, शरद यादव की पार्टी LJD और लेफ्ट पार्टियों के साथ आने की बात की जा रही थी. लेकिन छोटी पार्टियों की महत्वाकांक्षा और लालू यादव का छोटी पार्टियों को पुरजोर समर्थन महागठबंधन की टूट की वजह बन सकता है.
कांग्रेस के मुताबिक महागठबंधन में शामिल छोटी पार्टियां अपनी राजनीतिक हैसियत से ज्यादा सीटों की मांग कर रही हैं और लालू यादव छोटी पार्टियों की इस मांग का समर्थन कर रहे हैं. जिस वजह से कांग्रेस की सीटों की संख्या में भारी कटौती की जा रही है जिससे कांग्रेस खासी नाराज़ है. सूत्रों के मुताबिक आरजेडी कांग्रेस को 8 सीट से 10 और खुद 30 से 32 सीट (आरजेडी बाकी घटक दलों को अपनी सीटों में से खुद सीटें बांटना चाहती है) रखना चाहती है जबकि कांग्रेस खुद के लिए 15 सीटें चाहती है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि वो अपनी मांग को 12 सीटों से नीचे नहीं ले जा सकते क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 12 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. तीन राज्यों में जीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी फ्रंट फुट पर खेलने की बात कही थी और 12 सीटों से कम पर समझौता करना कांग्रेस के मंजूर नहीं है.
वहीं यूपी में एसपी-बीएसपी के गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखने के बाद बिहार में आरजेडी भी कांग्रेस को घुटनों पर लाना चाहती है. जबकि सूत्रों के मुताबिक बिहार में कांग्रेस खुद के लिए 15, आरजेडी के लिए 20, RLSP के लिए 2, HAM के लिए 1, मुकेश सहनी की पार्टी VIP के लिए 1 और लेफ्ट पार्टियों को 1 सीट देने के पक्ष में है. कांग्रेस चाहती है कि शरद यादव की पार्टी और एसपी के एक उम्मीदवार को आरजेडी अपने कोटे से सीटें दें जिसपर आरजेडी तैयार नहीं है.
तेजस्वी को रास नहीं आया अखिलेश सिंह का बयान
चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव रिम्स अस्पताल से ही बिहार महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं. लालू यादव ने तेजस्वी को साफ हिदायत दे रखी है कि कांग्रेस को 8 सीटों से ज्यादा नहीं देना है. लेकिन इसी बीच पटना में शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश चुनाव प्रचार समिति की बैठक के बाद समिति के चेयरमैन और सांसद अखिलेश सिंह ने मीडिया में बयान दे दिया कि कांग्रेस 11 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. अखिलेश सिंह के इस बयान के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिना कांग्रेस का नाम लिए विपक्षी पार्टियों को अहंकार छोड़ने की हिदायत दे डाली जो कांग्रेस को रास नहीं आई.
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर मची खींचतान के बीच आज होने वाली साझा प्रेस कांफ्रेंस को भी कैंसिल कर दिया गया. आरजेडी सूत्रों के मुताबिक अगर कांगेस को उनकी मांग के मुताबिक सीटें दे दी गईं तो उसी अनुपात में गठबंधन के बाकी घटक दलों को सीटें देनी पड़ेंगी जिसके बाद आरजेडी के पास खुद के लिए सिर्फ 16 सीट बचेंगी.
वहीं सीट बंटवारे पर आरजेडी (लालू-तेजस्वी) के रवैये से कांग्रेस आलाकमान भी नाराज़ बताया जा रहा है. कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि अगर सीटों के बंटवारे पर जल्द बात नहीं बनी तो कांग्रेस आरजेडी से गठबंधन तोड़ RLSP, JAP (पप्पू यादव) और लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनाव में जा सकती है.
बता दें कि 2014 में कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर बिहार में चुनाव लड़ा था. हालांकि मोदी लहर के चलते दोनों पार्टियों को ज्यादा कामयाबी नहीं मिली और आरजेडी के 4 जबकि कांग्रेस के 2 सांसद लोकसभा पहुंचे. चुनावी नतीजे आने के बाद सांसद पप्पू यादव आरजेडी के अलग हो गए थे और नई पार्टी बना ली थी. पप्पू यादव बार-बार कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं, वहीं आरजेडी साफ कर चुकी है कि पप्पू यादव की पार्टी को महागठबंधन में शामिल नहीं किया जाएगा.
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