बिहार में तेजस्वी के डोमिसाइल नीति पर आरजेडी और कांग्रेस आमने सामने, आरजेडी ने कहा विरोध करने वाले जल जाएंगे
तेजस्वी यादव ने बिहार में नई डोमिसाइल नीति लाने की बात कही है. इस पर अब आरजेडी और कांग्रेस आमने - सामने दिख रही हैं. कांग्रेस ने इस नीति का समर्थन करने से मना कर दिया है.
पटनाः बिहार में कोर्डिनेशन कमिटी को लेकर महागठबन्धन में पहले से दरार है. अब चुनावी मुद्दों की राजनीति पर महागठबन्धन में तकरार शुरू हो गई है. कांग्रेस ने कहा है कि वह किसी डोमिसाइल नीति का समर्थन नहीं करती है. तेजस्वी यादव ने बिहार में बेरोज़गारी हटाओ यात्रा के क्रम में कहा कि उनकी सरकार आई तो वह बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करेंगे. यह आरजेडी का बड़ा चुनावी मुद्दा है.
इसपर आज कांग्रेस ने इसे ना सिर्फ खारिज़ कर दिया बल्कि इसे बिहार के लिए खतरनाक बताया है. वहीं आरजेडी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो पार्टी इसका विरोध करेगी वह बर्बाद हो जाएगी. कांग्रेस नेता और एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने आज साफ किया कि यह उनका अपना विचार है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि इस देश के लोगों को इस बात का हक है कि वे अपने पढ़ाई-लिखाई, रोजी- रोटी, रोजगार के लिए देश के किसी भी हिस्से में जा सकते हैं और उसको ये संवैधानिक अधिकार है.
डोमिसाइल नीति पर कड़ा स्टैंड ना लें एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि 'बिहार जैसे राज्य में जहां रोजगार सृजन नहीं के बराबर है. हमारे लाखों लोग इस देश के अनेक भू-भाग में राजगार कर अपनी रोजी रोटी कमाते हैं. अगर बिहार ने कोई कड़ा कानून बना लिया और हमने अपने स्थानीय लोगों के लिए नौकरी रिज़र्व कर लिए, तो स्थिति बड़ी भयावह हो जाएगी'.
उनका कहना है कि इससे उन बिहारियों को सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा जो बिहार से बाहर नौकरी करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर दूसरे राज्यों से उन्हें निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी कठिनाइयों को समझना चाहिए. इसलिए कांग्रेस पार्टी बिहार में तेजस्वी यादव की डोमिसाइल नीति पर सहमत नहीं है.
दूसरे राज्यों ने अगर अपनाया तो बिहार का क्या होगा एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि 'हम इस बात को मानते हैं कि हर कोई कहीं भी जाकर नौकरी कर सकता है. इस देश में और उसे इस बात का हक हमारा संविधान भी देता है. एक तरफ हम संविधान की दुहाई की बात करते हैं, तो दूसरी तरफ इसके विपरीत आचरण कैसे कर सकते हैं?'
एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा का मानना है कि तेजस्वी यादव को भी थोड़ा व्यवहारिक अप्रोच अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि डोमिसाइल नीति में बिहार की नौकरी में बिहारियों को प्राथमिकता दी जा सकती है. लेकिन वह 90% की बात करना और उसे रिज़र्व करना बिहार के हित में सही फैसला नहीं होगा.
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने कहा कि 'अपनी-अपनी पार्टी का स्टैंड है, हो सकता है कि वह नेशनल पार्टी हो, उनका नेशनल आउटलुक हो. लेकिन राष्ट्र के भीतर बिहार भी इकाई है और इस भूगोल के भीतर जो नेतृत्व करेगा वह अपने नौजवान, अपने लोगों के बारे में जरूर चिंतन करेगा.चाहे वह किसान हो, मजदूर हो, मजदूर पलायन न करें, किसानों की फसल का मूल्य सही मिले और नौजवानों को रोजगार मिले इसके बारे में चिंतन करेगा.'
तेजस्वी का स्टैंड सही जगदानंद का कहना है कि 'तेजस्वी यादव अपने स्टैंड पर बिल्कुल सही है और शायद इस डोमिसाइल नीति का जो भी विरोध करेगा उसे बिहार की भूमि पर नौजवानों का कोपभाजन बनना पड़ेगा. यह नौजवानों की हित में है.' उनका कहना है कि 'बिहार के पास जो कुछ भी है वह बिहार के लिए पर्याप्त नहीं है और अपर्याप्त चीजों पर भी कोई दूसरा नियंत्रण कर ले, तो यह शायद बिहार के नौजवान जनता को यह मान्य नहीं है. इसलिए मैं सलाह दूंगा, कि इस डोमिसाइल नीति का विरोध कोई नहीं करें वरना इस विरोध की ज्वाला से बचना मुश्किल हो जाएगा.'
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