पटना: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र का चौथा दिन भी विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ़ गया. विपक्षी पार्टी कानून-व्यवस्था, महंगाई के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर ले रही है. विपक्षी नेताओं ने सदन के बाहर और भीतर सरकार से जवाब मांगा और हंगामा किया.


इससे नाराज विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही पहले दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी. फिर पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई. विपक्षी नेता भाई वीरेंद्र ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के तरफ से हम जानना चाहते थे कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है फिर भी बिहार में महाजंगल राज क्यों है? रोज हत्या लूट और डकैती की घटना बढ़ रही है, मॉबलंचिंग हो रही है.


उन्होंने भ्रष्टाचार पर आई एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार भ्रष्टाचार के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है और सरकार विपक्ष पर आरोप लगा रही है कि हमलोग क्राइम करवा रहे है. हमलोग लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. हम जनता के सवाल पूछ रहे हैं और उनके इसी काम के लिए हम विधायक बनकर यहां आये हैं.


भाई विरेंद्र ने कहा कि ये सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहा रही है और इनके नेता शराब माफिया से मिले हुए हैं और बिहार में धड़ल्ले से शराब बिक्री हो रही है. उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये तो राजगीर जाकर ऐश-मौज कर रहे हैं, कुछ और काम गिना कर बेतिया जा रहे हैं.


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वहीं इसके विपरीत सत्ता दल के जदयू कोटे से बिहार सरकार मंत्री रहे श्रवण कुमार ने कहा कि सदन को चलाने के लिए जितनी जवाबदेही सत्ता पक्ष की है उतनी ही जिम्मेदारी विपक्ष की भी है. सरकार हर सवाल के उत्तर देने को तैयार है अगर विपक्ष जो भी सवाल उठाना चाहता है, उनके एक-एक सवाल का जवाब सरकार देगी.


उन्होंने कहा कि सदन में कांग्रेस, माले और आरजेडी अलग-अलग मुद्दों पर सवाल पूछना चाहते हैं लेकिन वो एक भी सवाल नियम से नहीं उठा रहे हैं और लगातार हमारे विधानसभा अध्यक्ष भी विपक्षी दलों से अनुरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता से राज्य की समस्या से विपक्ष को कोई लेना देना नहीं है. ये केवल हंगामा करके जताना चाहते हैं कि हम राज्य की जनता के हित के लिए काम कर रहे हैं.


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