पटना: मुजफ्फरपुर शेल्टर हाऊस रेप कांड को लेकर आज वामपंथी दलों ने बिहार बंद बुलाया है. इस बंद को आरजेडी, हम, समाजवादी पार्टी और लोकतांत्रिक जनता पार्टी ने भी समर्थन किया. इस दौरान बंद समर्थकों ने राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर उतर कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मंत्री मंजू वर्मा और सुरेश शर्मा की बर्खास्तगी की मांग की.


सुबह से ही बंद को ले सभी पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर आ गए जिसकी वजह से आम जनजीवन पर भी असर पड़ा. हालांकि बंद को ले पटना के सभी स्कूल पहले से ही बंद थे. इस बंद के समर्थन में बिहार राज्य आशा संघ की महिलाओं ने भी अपनी भागेदारी निभाई. बंद समर्थकों से दोपहिया वाहन मालिकों की आने जाने को ले हल्की नोंक झोंक भी हुई.


'इसी तरह से होते रहेगा तो सरकार किस काम की'


बंद के दौरान समर्थकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दलितों पर अत्याचार बंद करो, नीतीश कुमार शर्म करो, बालिका गृह कांड की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में कराओ जैसे नारे लगे. बंद में शामिल बिहटा निवासी बिहार राज्य आशा संघ की महिला ने कहा कि हमलोग इस लड़ाई में भाग लेने आए हैं. हमलोगों की भी बच्चियां हैं, स्कूल-कॉलेज जाती हैं, इसी तरह से होते रहेगा तो सरकार किस काम की है.


वाहनों की आवाजाही करीब 1 घंटे तक बाधित रही


बंद के दौरान लेफ्ट और आजेडी कार्यकर्ताओं ने राजधानी पटना के भुनेश्वरी चौक के पास जाम लगाया. इस दौरान कार्यकर्ता हाईवे पर धरने पर बैठ गए जिससे वाहनों की आवाजाही करीब 1 घंटे तक बाधित रही. इसके साथ ही जहानाबाद में जनशताब्दी एक्सप्रेस को भी रोका गया.


बंद के दौरान बवाल की खबरें भी सामने आ रही हैं. आरपीएफ जवानों से प्रदर्शनकारियों की नोकझोंक की भी बात समाने आ रही है. लेफ्ट और आरजेडी के कार्यकर्ता दुष्कर्म के आरोपियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल कराने की मांग कर रहे हैं. स्थानीय व्यवसाइयों ने भी समर्थन में दुकानें बंद रखीं. बंद का असर समस्तीपुर में भी देखने को मिला, यहां लेफ्ट कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे 28 पर आवाजाही रोक दी. इसके साथ ही कई जगह उग्र प्रदर्शन भी देखने को मिला है.


सघन फॉरेंसिक जांच कराएगी सीबीआई 


सीबीआई मुजफ्फरपुर जिले के शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों से हुई कथित तौर पर रेप के मामले में फॉरेंसिक जांच कराएगी. मामले में आश्रय गृह के कर्मियों पर ही वहां रह रही लड़कियों के साथ रेप करने का आरोप लगा है. अधिकारियों ने इस बारे में आज जानकारी दी.


आरोपी ब्रजेश ठाकुर को झटका, PIB ने मान्यता रद्द की 


पीआईबी ने बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश कुमार के अखबरों की मान्यता रद्द कर दी. वह हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में प्रकाशित होने वाले अखबारों का मालिक है. दरअसल, यह आरोप है कि बड़े पैमाने पर सरकारी विज्ञापन पाने के लिए इन अखबारों के सर्कुलेशन का आंकड़ा बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया था.


फरार है ब्रजेश ठाकुर की सबसे बड़ी राजदार मधु 


मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर गिरफ़्तार है लेकिन ब्रजेश ठाकुर की सबसे बड़ी राज़दार अब भी फ़रार है. ब्रजेश ठाकुर की सबसे बड़ी राजदार का नाम मधु है, जो बालिका गृह कांड सामने आने के बाद से ही फ़रार है. वो कहां है इसकी जानकारी किसी को नहीं है. जांच एजेंसियों को उसकी तलाश है, लेकिन अभी तक उसको ढूंढ निकालने की सारी कोशिशें नाकाम रही हैं.