बिहार: RJD 20, कांग्रेस 11 और RLSP 3 सीटों पर लड़ सकती है चुनाव, आज दिल्ली में महागठबंधन की बैठक
Lok Sabha Election 2019: बिहार महागठबंधन में कांग्रेस, आरजेडी और आरएलएसपी समेत आठ पार्टियां शामिल है. सभी पार्टियां अधिक से अधिक सीटों की मांग कर रही है.
Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद भी बिहार में महागठबंधन में सीटों पर पेंच फंसा है. लगातार बैठकें हो रही हैं और पार्टियां ज्यादा से ज्यादा सीटों की मांग कर रही है. बिहार में आठ दलों का महागठबंधन है, जिसमें कांग्रेस, आरजेडी और आरएलएसपी जैसी तीन बड़ी पार्टियां हैं.
किसे कितनी सीटें मिले इसपर चर्चा के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव दिल्ली में हैं. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उमेंद्र कुशवाहा, हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी समेत अन्य नेता दिल्ली पुहंचेंगे. सूत्रों के मुताबिक, बिहार में कांग्रेस 11, आरजेडी 20 से 21, आरएलएसपी तीन, मुकेश साहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी एक से दो, हम दो, सीपीआई एक और सीपीआईएम एक सीट पर चुनाव लड़ सकती है.
आरजेडी अपने कोटे से समाजवादी पार्टी को एक सीट दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरजेडी से एक सीट की मांग की है. एसपी उम्मीदवार झंझारपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
सीट बंटवारे पर बैठक से ठीक पहले कांग्रेस ने अन्य दलों को चेतावनी दी है. बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस मजबूत हुई है. अगर सीट बंटवारा नहीं हुआ तो कोई समस्या नहीं होगी. हम किसी के भी "मोहताज" नहीं हैं .
सदानंद ने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का उदाहरण दिया, जहां कांग्रेस कट्टर प्रतिद्वंद्वियों बीएसपी और समाजवादी पार्टी द्वारा तालमेल नहीं किए जाने पर लोकसभा चुनाव में अकेले जाने के लिए कमर कस रही है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने उत्तरप्रदेश के संदर्भ में कहा था कि पार्टी फ्रंट फुट पर खेलेगी. हम बिहार में भी इसके लिए प्रयास कर रहे हैं.
सदानंद की इस टिप्पणी पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पार्टी को अपना मन बनाना चाहिए कि वह किसे उम्मीदवार बनाना चाहती है. क्या वे बीजेपी को हराना चाहते हैं या उन लोगों के खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं जो भगवा पार्टी को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के पास बिहार में सबसे बड़ा जनाधार है. कांग्रेस अपने जोखिम पर हमे कमतर आंक सकती है. इसके अलावा उसे उन मतदाताओं को भी जवाब देना होगा जो आने वाले चुनावों में भाजपा के शासन से छुटकारा चाहते हैं.
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इस बीच नई दिल्ली में डेरा डाले हुए एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि समस्या यह है कि हमने शुरू में बिहार में 40 में से 15 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की थी. लेकिन आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने जोर देकर कहा कि वह हमारे लिए केवल 10 सीट ही छोड़ेंगे. हमारी पार्टी का नेतृत्व एक या दो सीटों के लिए रियायत देने के लिए सहमत हो सकता था, लेकिन हमारे लिए यह संभव नहीं है कि हम पांच सीट छोड़ दें.
उन्होंने कहा कि लालू काफी समय से बिहार से दूर हैं और ऐसा लगता है कि वे यहां की जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं. वे यह मानकर चल रहे हैं कि यादव और मुस्लिम समुदाय कांग्रेस को वोट देने जा रहे हैं और हमारी भूमिका उच्च जाति के वोटों में कटौती करने तक सीमित रहेगी.
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वरिष्ठ नेता ने कहा कि अहमदाबाद में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी आलाकमान बिहार के बारे में जानकारी लेगा. यदि हमारे सहयोगी अनुपात की भावना नहीं दिखाते हैं तो हमें चुनावों में अकेले जाना पड़ सकता है, हालांकि हम ऐसा नहीं चाहते हैं.
बिहार में कब है चुनाव? पहला चरण, 11 अप्रैल- औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई. दूसरा चरण, 18 अप्रैल- किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका. तीसरा चरण, 23 अप्रैल- झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और खगड़िया. चौथा चरण, 29 अप्रैल- दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और मुंगेर. पांचवां चरण, 6 मई- सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर. छठा चरण, 12 मई- वाल्मीकिनगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान और महाराजगंज. सातवां चरण, 19 मई- नालंदा, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, जहानाबाद और काराकाट.