पटना: नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से पास हो चुका है. अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह कानून का रूप ले लेगा. संसद में इस बिल के खिलाफ में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने वोट किया था. आरजेडी ने इस बिल को समाज को धर्म के आधार पर बांटने वाला बताया है. खबर है कि पार्टी अब इस बिल के खिलाफ राज्य में आंदोलन भी कर सकती है.


पार्टी ने कहा है कि हमारा संविधान धर्म के आधार पर व्यक्ति से विभेद नहीं करता है. आरजेडी का कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान और भारतीय परम्पराओं की धज्जियां उड़ाने वाला है. आरजेडी ने इस बिल के पास होने पर विरोध जताते हुए कहा है कि भारत की परंपरा रही है कि हम जरूरतमंदों की मदद करते हैं लेकिन यह कानून लोगों में धर्म के आधार पर अंतर करता है.


आरजेडी ने कहा है कि इस सरकार ने जिस तरह का कानून बनाया है वह उसी का एजेंडा हो सकता है जो बांटो और राज करो कि नीति पर चलते हैं. इस कानून का बस एक मतलब है कि एक समुदाय को दूसरे दर्जे का नागरिक बना दिया जाए. पार्टी ने कहा है कि नागरिकता संशोधन से भी भयावह इस सरकार की एनआरसी नीति है. पार्टी ने कहा है कि CAB और NRC दोंनो मिलकर एक ऐसी व्यवस्था को जन्म देगा जो बड़ी संख्या में एक समुदाय के लोगों को ग़ुलाम बना देगी.