आरजेडी में दरार, पार्टी विधायक का दावा- बीजेपी से मिले हुए हैं तेजस्वी यादव
आरजेडी विधायक ने दावा किया कि तेजस्वी यादव तीन महीने के लिए गायब हो गए थे और इस दौरान उन्होंने बीजेपी के साथ सांठ-गांठ कर ली. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि पार्टी के 80 फीसदी विधायक ये चाहते हैं कि नीतीश कुमार के साथ गठबंधन हो.
पटना: एक तरफ जहां आरजेडी बार बार पार्टी में सब कुछ ठीक होने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव के विरोध में पार्टी का एक धड़ा खड़ा होता दिखाई दे रहा है. आरजेडी विधायक महेश्वर प्रसाद यादव के बयान से ये साफ है कि आरजेडी टूट के कगार पर है. गायघाट से आरजेडी के विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने तेजस्वी यादव पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव तीन महीने तक बिहार से गायब थे इसी दौरान उन्होंने बीजेपी से सांठ-गांठ कर ली है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के मिली हार के बाद तेजस्वी अचानक गायब हो गए थे.
इतना ही नहीं महेश्वर प्रसाद ने ये भी कहा कि अगर बीजेपी षड्यंत्र करके नीतीश कुमार की सरकार को गिराती है तो आरजेडी के 80 फीसदी विधायक नीतीश कुमार का समर्थन करेंगे. विधायकों से हमारी बातचीत हुई है हम अलग गुट बनाएंगे. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही वह अलग गुट बनाकर विधानसभा अध्यक्ष से अलग बैठने की इजाज़त मांगेंगे. उन्होंने दावा किया कि उनका कुनबा सीएम नीतीश कुमार के साथ खड़ा रहेगा. आरजेडी विधायक ने दावा किया कि नीतीश के नाम पर बिहार बीजेपी में दो गुट है. बीजेपी का एक गुट गिरिराज सिंह के नेतृत्व में नीतीश कुमार के खिलाफ षड्यंत्र कर रहा है.
तेजस्वी यादव को लेकर आरजेडी विधायक का बयान अपने आप में कई सवाल खड़े करता है. जहां एक तरफ आरजेडी ये एलान कर चुकी है कि तेजस्वी ही 2020 में पार्टी का चेहरा होंगे, वहीं महेश्वर प्रसाद यादव तेजस्वी पर ही आरोप लगा रहे हैं. महेश्वर प्रसाद ये भी दावा कर रहे हैं कि आरजेडी के 80 फीसदी विधायक नीतीश कुमार का समर्थन करेंगे.
गौरतलब है कि चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद से आरजेडी के अंदर से तकरार की ख़बरें आती रहती है. तेजस्वी और उनके भाई तेज़ प्रताप यादव के बीच भी गहमागहमी किसी से छुपी नहीं है. बीते लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर पार्टी के नेता लगातार सवाल उठाते रहे हैं. अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और महेश्वर प्रसाद यादव के बयान से आरजेडी के भविष्य पर एक बार फिर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं.