पटना: लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने गरीब सवर्णों के आरक्षण के मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने बुधवार को साफ किया कि उनकी पार्टी सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण का विरोध नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि कुछ प्रावधान जैसे आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आय की सीमा में विसंगतियों का विरोध किया है.
आरजेडी नेता ने कहा, ‘‘यह कहना गलत है कि आरजेडी अगड़ी जातियों के लिए आरक्षण के प्रावधान का विरोध कर रही है. पार्टी के किसी नेता ने यह नहीं कहा है कि अनारक्षित वर्ग के गरीबों को कोई मदद नहीं मिलनी चाहिए. कुछ प्रावधान जैसे आठ लाख रुपये तक की वार्षिक आय की सीमा में विसंगतियों का हमने विरोध किया.’’
संसद में इस विधेयक के खिलाफ पार्टी के मुखर रुख के बारे में पूछे जाने पर रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि भूल चूक हो जाया करती है. आरजेडी प्रमुख लालू यादव के छोटे पुत्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गत 7 जनवरी को कहा था कि 15 फीसदी आबादी वाले को अगर दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है तो 85 प्रतिशत आबादी वाले अनुसूचित जाति जनजाति और समाज के अन्य पिछड़े वर्ग को 90 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए. इस बीच बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस ने आशा जतायी है कि प्रदेश में नीतीश सरकार जल्द से जल्द आरक्षण की इस व्यवस्था को शुरू करेगी.
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