पटना: कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बैलेट पेपर से जुड़ी मतदान प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं. आयोग ने कोरोना संक्रमित या कोरोना प्रभावित इलाकों के लोगों को बैलेट पेपर से मतदान करने की अनुमति दी है, लेकिन चुनाव आयोग के इस फैसले पर आरजेडी ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है.
आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर फैसले को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद इस फैसले को लागू करने से पहले हमसे कोई सुझाव नहीं लिया गया है. चूंकि पोस्टल बैलेट से जुड़ी सारी गतिविधियां सरकार की ओर से संचालित होंगी, इसलिए हमें आशंका है कि इसका फायदा सत्ताधारी पार्टी को होगा.
मनोज झा ने कहा कि नियमों में बदलाव के बाद पार्टी को वोटर के फिजिकल वेरिफिकेशन को लेकर चिंता है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से पोस्टल बैलट की योग्यता रखने वाले लोगों की कैटेगरी बढ़ाने के बाद सत्यापन के सिद्धांत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है और इससे सत्ताधारी दल को फायदा होगा.
आरजेडी नेता ने कहा कि हम मानते हैं कि यह फैसला काफी जल्दबाजी में लिया गया है. अभी चुनाव में चार महीने बाकी हैं और अभी से ही नियमों में बदलाव करने का कोई अर्थ नहीं है. सरकार ने कोरोना प्रभावित इलाकों में ढील देना शुरू कर दिया है, धीरे-धीरे जीवन पटरी पर लौट रहा है, ऐसे में अभी से ही संभावित स्थिति के मद्देनजर नियमों में बदलाव कर देना जल्दबाजी है.
मनोज झा ने कहा कि हम यह मांग करते हैं कि चुनाव आयोग इस फैसले को वापस ले और मौजूदा महामारी के दौरान चुनाव कराने की चुनौतियों पर एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करें और सर्वसम्मति से जो फैसला हो उसे लागू करें.
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