पटना: एबीपी न्यूज़ के बिहार शिखर सम्मेलन में सीएम नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को लेकर एक बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर को जेडीयू में शामिल करने के लिए खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दो बार फोन किया. बीजेपी के साथ अपने रिश्तों को लेकर चर्चा के दौरान नीतीश ने ये खुलासा किया. बता दें कि प्रशांत किशोर जेडीयू में दूसरे पोजिशन के नेता हैं. नीतीश उन्हें जेडीयू का उपाध्यक्ष बना चुके हैं. अब नीतीश के इस बयान के बाद बिहार में राजनीतिक दलों ने इस पर प्रतिक्रिया दी है.
जेडीयू का बयान
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि प्रशांत किशोर उन चंद राजनीतिकारों में से हैं जिन्होंने जिस दल के साथ काम किया उसे जीत मिली. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि एक दो बार हार भी मिली. उन्होंने कहा कि 2015 में नीतीश कुमार की करिश्माई छवि के साथ जीत दिलाने में प्रशांत किशोर की बड़ी भूमिका रही है. ये अच्छी बात है कि अब दो बड़े दल जेडीयू और बीजेपी साथ हैं और गठबंधन के सभी दलों को एक व्यक्ति पर भरोरा है. राजीव रंजन ने कहा कि ये जेडीयू के लिए खुशी की बात है कि हमारे अध्यक्ष (नीतीश कुमार) ने जिसको जो जिम्मेदारी दी है वो (प्रशांत किशोर) उसके लायक हैं.
बीजेपी ने क्या कहा
वहीं बीजेपी का कहना है कि नीतीश कुमार का ये बयान इस बात का प्रमाण है कि जेडीयू और बीजेपी के बीच बेहतर समन्वय है. बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि ये गठबंधन की मजबूती का परिचायक है. यह उसी गठबंधन में संभव है जहां आपसी सद्भावना हो. सबलोग मिलकर एक लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं. यह महागठबंधन नहीं जहां महाभारत छिड़ा है. महागठंधन में तालमेल का अभाव है. वे लोग एक दूसरे की बखिया उधेड़ने में लगे हुए हैं.
आरजेडी की प्रतिक्रिया
इसके उलट आरजेडी ने नीतीश कुमार के इस बयान पर जेडीयू और बीजेपी पर निशाना साधा है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लालू यादव हमेशा से यह कहते रहे हैं कि जेडीयू कोई पार्टी नहीं है. ये बीजेपी की बी-टीम है. अब तो यह साबित हो गया कि अमित शाह के कहने पर प्रशांत किशोर जेडीयू में आए. बीजेपी ने जेडीयू को बर्बाद करने के लिए प्रशांत किशोर को भेजा है. अमित शाह अपने यहां प्रशांत किशोर को जगह नहीं दे रहे हैं और नीतीश कुमार के यहां दो नंबर का नेता बना रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि यह क्या केमिस्ट्री है.
कांग्रेस का बयान
उधर कांग्रेस के विधायक शकील अहमत खां ने कहा कि पीके जैसे लोग व्यक्तिवादी लोग हैं. वो किसी के नहीं हैं. आज वो जेडीयू के उपाध्यक्ष हैं. अतीत में वो नरेन्द्र मोदी के साथ थे. वे अपने प्रोफेशनल कैरियर को बेचने का प्रयास कर करे हैं.