पटना: बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी के उस बयान पर आरजेडी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में इस साल का विधान सभा चुनाव डिजिटल और सोशल मीडिया के जरिए लड़ा जाएगा. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सुशील मोदी चुनाव आयोग नहीं हैं. तिवारी ने कहा कि ये बयान उनकी संवेदनहीनता को दिखाता है. अभी उनको बिहार की जनता और यहां आए प्रवासियों की चिंता करनी चाहिए लेकिन उन्हें चुनाव की चिंता है. आरजेडी नेता ने सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी हार निश्चित है.


मृत्युंजय तिवारी ने सवाल किया कि सुशील मोदी चुनाव आयोग हैं क्या? हमारी प्राथमिकता बिहार का दुख दर्द बांटना है. चुनाव आयोग जो तय करेगा उसी के हिसाब से हम तैयारी करेंगे. सुशील मोदी मुगालते में है कि अगर ऑनलाइन चुनाव हुआ तो वे फर्जीवाड़ा कर जीत जाएंगे. बिहार में जो प्रवासी मजदूर आए हैं, उनकी चिंता सुशील मोदी को करनी चाहिए. इनके लिए कैसे रोजी-रोजगार की व्यवस्था होगी, इस बात की चिंता होनी चाहिए.


उधर, जेडीयू ने सुशील मोदी के बयान का पूरी तरह से समर्थन नहीं किया है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निश्चित रूप से गतिविधियां बेहतर हुई हैं. आज कोरोना ने लोगो के जीवनशैली बदल दिया है. शादी हो या त्योहार लोग बड़ी संख्या में अब एकत्रित नही हो पाएंगे. इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि बिहार में होने वाले चुनावों में बड़ी रैलियां और हेलीकॉप्टर के जरिए प्रचार करने का जो तरीका रहा है उसमे एक बड़े बदलाव की गुंजाइश हो सकती है. इसी दिशा में सुशील कुमार मोदी ने बयान दिया है.


राजीव रंजन ने कहा, ''मुझे लगता है कि ये काल्पनिक परिस्थिति है. फिर भी ये इंकार नही किया जा सकता है कि चुनाव प्रणाली को कई बदलाव के लिए खुद को तैयार करना होगा और इसमे गतिविधियों को काफी हद तक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संचालित होने जैसी स्थिति दिख रही है. ये एक बड़ा सवाल है और इस राज्य में होने वाले चुनाव में जिन राजनीतिक दलों की भूमिका है उन तमाम दलों के समक्ष ऐसे सवाल जरूर विमर्श के लिए लाए जाने चाहिए जिससे निर्वाचन आयोग को स्थिति के अध्ययन करने और निर्णय लेने में मदद मिल सके.''


सुशील मोदी ने क्या कहा था?


बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा, ''इस बार हेलीकप्टर की जगह ई-मीडिया से कैंपेन होगा. कोरोना काल में अगर चुनाव हुए तो रैलियां नहीं हो पाएंगी. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से इस बार विधान सभा चुनाव डिजिटल चुनाव होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से दुनिया बदल रही है. डिजिटल चुनाव ही एक मात्र विकल्प है. बीजेपी डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने में बाकी दलों से आगे है. डिजिटल प्लेटफार्म का बीजेपी को आने वाले चुनाव में ज्यादा फायदा होगा.''


बरेली में ऑनर किलिंग: झूठी शान के लिये पिता और चाचा ने बेटी को उतारा मौत के घाट, दोनों गिरफ्तार