नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को उस समय एक अप्रत्याशित नजारा देखने को मिला जब आरजेडी के नेता मनोज झा ने सामान्य वर्ग को रोजगार और शिक्षा में आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए एक झुनझुना दिखाया. मनोज झा ने संविधान (124वां संशोधन) विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए दावा किया कि इस विधेयक के जरिये सामान्य वर्ग को महज एक झुनझुना दिखाया जा रहा है. इसके बाद उन्होंने अपने पास से एक झुनझुना निकाल कर दिखाया.


2014 में आरजेडी के घोषणापत्र में था गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण का जिक्र, 2019 में कर रही विरोध


आरजेडी सदस्य ने कहा कि यह झुनझुना हिलता भी है और बजता भी है. लेकिन सरकार आरक्षण के नाम पर जो झुनझुना दिखा रही है वह केवल हिलता है, बजता नहीं है. मनोज झा के मुताबिक सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ों को ही आरक्षण देने की बात संविधान में कही गई है. आर्थिक आधार को न्यायालय पहले ही खारिज कर चुका है.


बता दें कि आरजेडी इसका विरोध कर रही है. आरजेडी की मांग है कि पिछड़ों को 85 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए. गरीब सवर्ण आरक्षण एक धोखा है. बता दें कि मंगलवार को लोकसभा में इसपर चर्चा के दौरान आरजेडी नेता जय प्रकाश नारायण यादव ने कहा कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी. उन्होंने कहा कि पहले हमें 85 फीसदी आरक्षण दीजिए उसके बाद जिसे देना है दीजिए.


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