सिंह ने महागठबंधन को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि महागठबंधन के तहत 2019 का चुनाव लडऩा हर दल की मजबूरी है. अगर अगला लोकसभा चुनाव कोई दल अकेले लड़ता है तो वह समाप्त हो जाएगा.
अजित सिंह ने कहा कि आरएलडी, बीजेपी के खिलाफ बन रहे महागठबंधन के साथ मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी. परिवर्तन की बयार बहनी शुरू हो गई है और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो जाएगा. देश में बीजेपी का नहीं आरएसएस का राज चल रहा है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को बरगलाने और नफरत की सियासत कर रही है. वह हिंदू-मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदुओं को भी जातिगत आधार पर बांट कर लड़ा रही है. संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष नहीं बल्कि पीएम की हार हुई है, क्योंकि राहुल गांधी पीएम मोदी के गले लग यह संदेश देने में सफल रहे कि हम प्यार की सियासत करते हैं और बीजेपी नफरत की राजनीति करती है.
केंद्र सरकार के सात हजार करोड़ के गन्ना पैकेज को ढकोसला बताते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को इससे रत्तीभर फायदा नहीं मिलने वाला.
अजित सिंह ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने की बात को नकारते हुए कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा, अब 80 साल का हो गया हूँ. अब और चुनाव नहीं. लेकिन कुछ ही घंटे बाद सिंह ने अपनी ही बात को नकारते हुए कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा.
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