सपा-बसपा गठबंधन में हो सकती है रालोद की एंट्री, अखिलेश-जयंत की मुलाकात में लगेगी मुहर
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन अब विस्तार ले रहा है और अब इसमें नाराज़ चल रहे राष्ट्रीय लोकदल की एंट्री पक्की मानी जा रही है.
लखनऊ: समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन अब विस्तार ले रहा है और अब इसमें नाराज़ चल रहे राष्ट्रीय लोकदल की एंट्री पक्की मानी जा रही है. आज राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुलाकात दिल्ली में हो सकती है.
माना जा रहा है कि इस मुलाकात में सीटों के बंटवारे पर चर्चा होगी. सूत्रों के मुताबिक रालोद 4 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है जिनमें से तीन सीटों पर वो अपने उम्मीदवार उतार सकती है जबकि उसका एक उम्मीदवार सपा के चुनाव निशान पर लड़ सकता है.
खास बात ये है कि सपा-बसपा के गठबंधन के बाद अपनी झोली में कम सीटें आने रालोद नाखुश था, लेकिन अब 4 सीटें मिलने के बाद पार्टी गठबंधन का हिस्सा बन सकती है.
सपा-बसपा गठबंधन के बाद रामगोपाल यादव ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने बताया था कि दो सीटें रालोद के लिए छोड़ी गई हैं. इसके तुरंत बाद ही रालोद की नाराजगी की खबरें सामने आई थीं जिनमें बताया गया था कि पार्टी दो सीटों से खुश नहीं है और कुछ अन्य सीटों पर भी दावेदारी जता रही है.
इन सीटों में अमरोहा, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर के नाम सामने आए थे. बताया जा रहा है कि सपा-बसपा का गठबंधन जिन दो सीटों को रालोद को देना चाह रहा था वो मथुरा और बागपत हैं. ये दोनों ही सीटें रालोद की परंपरागत सीटें मानी जाती हैं.
हालांकि 2014 में मथुरा सीट पर हेमा मालिनी ने जयंत चौधरी और बागपत सीट पर सत्यपाल सिंह ने अजित सिंह को हरा दिया था. पार्टी का वेस्ट यूपी में बड़ा जनाधार माना जाता है हालांकि स्थापना के बाद से पार्टी अभी तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है.
आपको बता दें कि हाल ही में बसपा और सपा के बीच चुनावी समझौते का ऐलान हुआ था. इस समझौते के तहत यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से सपा और बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि दो सीटों को सहयोगियों के लिए छोड़ा गया है. जबकि अमेठी और रायबरेली में गठबंधन के उम्मीदवार नहीं उतारे जाएंगे.