लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश की योगी सरकार मूलत: किसान विरोधी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना मठ चलाने और गायों को चारा खिलाने से फुर्सत नहीं मिल रही है. लगता है, योगी सत्ता के भोगी होकर रह गए हैं. उन्हें इस्तीफा देकर अपने नाथ संप्रदाय के प्रचार-प्रसार में लिप्त रहना चाहिए.


त्यागी ने पार्टी प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री किसानों की आय दोगुनी करने और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की बात भाषणों में करते हैं, जबकि वास्तविक धरातल पर किसान इनकी नीतियों से निराश है.


उन्होंने बताया कि किसानों की समस्याओं को लेकर पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से मिला और और 5 सुत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि ज्ञापन में गन्ना, आलू किसानों की समस्याए गिनाई गई है.


गन्ना किसानों का लगभग 12000 करोड़ रुपया बकाया


उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्र में ही गन्ना किसानों का लगभग 12000 करोड़ रुपया बकाया हो गया है. उसकी ब्याज सहित भुगतान करने की तिथि मुख्यमंत्री ने आज तक नहीं घोषित की है और न ही पिछला बकाया ब्याज अब तक किसानों को भुगतान किया गया है. पिछले बकाया ब्याज के संदर्भ में उच्च न्यायालय और माननीय सुप्रीम कोर्ट भुगतान करने के पक्ष में आदेश कर चुका है.


केंद्र सरकार द्वारा 7000 करोड़ का घोषित पैकेज भी किसानों को नहीं मिल सकेगा
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 7000 करोड़ का घोषित पैकेज भी किसानों को नहीं मिल सकेगा, क्योंकि इसे एथेनॉल बनाने के लिए खर्च किया जाएगा और अधिकारियों और मिल मालिकों में पूर्व की भांति बंदरबांट की जाएगी.


प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद, राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी, वंशनारायन सिंह पटेल, राष्ट्रीय सचिव शिवकरन सिंह, ओंकार सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे, प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रो. यज्ञदत्त शुक्ल, प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी, प्रदेश मीडिया प्रभारी जावेद अहमद तथा युवा राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी वसीम राजा, प्रदेश सचिव मनोज सिंह चौहान और मनोज चौधरी और ज्ञानप्रकाश सिंह पटेल शामिल रहे.