पटना: लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीटों पर पेंच फंसा है. एनडीए की दो बड़ी पार्टियों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने साफ कर दिया है कि दोनों बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी और इसकी घोषणा जल्द की जाएगी. वहीं छोटे दलों ने कम सीट मिलने की संभावना पर नाराजगी जताना शुरू कर दिया है. एनडीए में शामिल रालोसपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कल बिहार के अरवल में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की. इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने इसे सिर्फ संयोग बताया.


अब खबर है कि सोमवार को कुशवाहा दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलेंगे. जहां वह खुलकर सीटों को लेकर चर्चा करेंगे. कुशवाहा ने राजनीतिक कयासों के बीच आज कहा, ''कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा इसपर अभी फैसला नहीं हुआ है. हम बातचीत करेंगे. मैं खुद अमित शाह से बात करूंगा. इसके अलावा फिलहाल मैं कुछ नहीं कहना चाहता.''


कल नीतीश कुमार ने नई दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद अमित शाह ने कहा था कि उनकी पार्टी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जेडीयू बिहार लोकसभा चुनावों में बराबर सीटों पर लड़ेगी. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी सहित बिहार में एनडीए के घटक दलों की सीटों की संख्या के बारे में घोषणा दो-तीन दिनों में की जाएगी.


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सुशील मोदी ने कहा- बीजेपी ने कुर्बानी दी
2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2019 चुनाव में बिहार में कम सीटों पर लड़ने को लेकर सुशील मोदी ने कहा है कि बीजेपी ने कुर्बानी दी है. वरिष्ठ नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आज ट्वीट कर कहा, ''मैं इस निर्णय का स्वागत करता हूं. गठबंधन के व्यापक हित में बीजेपी ने कुर्बानी दी है. यह कांग्रेस और आरजेडी के ऐसे नेताओं के लिए झटका है जो एनडीए में सीटों को लेकर सिर फुटौव्वल की उम्मीद लगाए बैठे थे.''





पिछले चुनाव का क्या है गणित?
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बिहार की 40 सीटों में से 30 पर लड़ी थी और उसे 22 सीटों पर जीत मिली थी. एनडीए के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और रालोसपा क्रमश: सात और तीन सीटों पर उतरी थीं और उन्होंने क्रमश: छह और तीनें सीटें जीती थीं.


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राजग के सूत्रों ने बताया कि बीजेपी और जेडीयू 16-16 सीटों पर लड़ेंगी जबकि पासवान और कुशवाहा नीत पार्टियों के लिए क्रमश: छह और दो सीटें दी जा सकती हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में जेडीयू अकेले ही मैदान में उतरी थीं और उसे मात्र दो सीटों पर सफलता मिली थी. अब चुनाव में जेडीयू बीजेपी के साथ है. रालोसपा ने साफ कर दिया है कि वह कम सीटों पर नहीं लड़ेगी.


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