रोहतास: आरएलएसपी में बागी हो चुके विधायक ललन पासवान ने उपेंद्र कुशवाहा पर सवाल उठाया है जिसमें कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार से शिक्षा सुधार के संबंध में 25 सूत्री मांगे रखी हैं. ललन पासवान ने आज सासाराम में कहा कि जो खुद भारत सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री हो, वह किसी राज्य के मुख्यमंत्री को शिक्षा में सुधार के लिए मांग पत्र पेश कर रहा हो, यह कितना हास्यास्पद है.


विधायक ने कहा कि भारत के शिक्षा राज्य मंत्री को पहले खुद का मूल्यांकन करना चाहिए कि उन्होंने शिक्षा में सुधार के लिए देशभर में क्या किया? उपेन्द्र कुशवाहा आज जिस डाल पर बैठे हैं, उसी पेड़ को नष्ट करने में लगे हैं. वे पिछले साढ़े चार साल से भारत के शिक्षा राज्य मंत्री बने बैठे हैं और अब जब चंद महीना चुनाव को बचा है तो शिक्षा में सुधार की बात याद आ रही है. अब नीतीश कुमार पर सवाल उठाये जा रहे हैं जबकि उन्हें खुद अपना मूल्यांकन करना चाहिए. ललन पासवान ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा कहीं आएं-जाएं कोई फर्क नहीं पड़ता. आरएलएसपी के असली कार्यकर्ता एनडीए के साथ हैं और रहेंगे.


गौरतलब है कि कुशवाहा ने शिक्षा को लेकर 25 सूत्री मांग रखी है. उनका कहना है कि अगर सीएम नीतीश सार्वजनिक रूप से इन मांगों को मान लेते हैं तो वे अपना अपमान भूलकर एनडीए में बने रहने के लिए तैयार हैं. कुशवाहा कह चुके हैं, ''बिहार की जनता से पूछिए. 15 साल कोई कम समय नहीं होता है. नीतीश जी मैं बड़ा भाई की तरह मानता हूं, लेकिन 15 साल में क्या हुआ? बिहार की जनता का दर्द समझना चाहिए. गांव के गरीब बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढ़ सकते हैं. क्या स्थिति है सरकारी स्कूलों की. हम बिहार बनाने की बात करते हैं, बिहार कैसे बनेगा. जदयू, बीजेपी मेरी एक बात मान ले तो सारा अपमान सहते हुए भी मैं एनडीए में रह सकता हूं. बिहार में शिक्षा के संबंध में 25 सूत्री मांग है, उसको मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से कहें तो तमाम बातों को मानकर हम उनके साथ रहेंगे.''


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