कानपुर: संघ प्रमुख दो दिनों के बुंदेलखंड के प्रवास पर हैं. आरएसएस का उरई में प्रशिक्षण वर्ग चल रहा है. इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए मोहन भागवत कानपुर से होते उरई पहुंचे हैं. शनिवार और रविवार को संघ प्रमुख उरई में ही रुकेंगे. रविवार देर रात कानपुर सेन्ट्रल से दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
जिस तरह से बुंदेलखंड की भगौलिक स्थित सामान्य नहीं है उसी तरह यहां की राजनीति सामान्य नहीं है. बुंदेलखंड में कुल 10 लोकसभा सीटें हैं. 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 में से 09 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. एक सीट कन्नौज पर एसपी की डिम्पल यादव ने जीत हासिल की थी.
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड ने बीजेपी को सबसे बड़ा तोहफा दिया. बीजेपी ने सभी 19 में सीटें जीतीं. अब यदि कानपुर-बुंदेलखंड की बात करें तो 52 सीटों में से बीजेपी ने 47 सीटों पर जीत हासिल की है.
यदि ऊपर दिए गए आकड़ों पर नजर डालें तो इस बात को समझा जा सकता है कि बुंदेलखंड बीजेपी की लिए कितना महत्वपूर्ण है. बुंदेलखंड की अहमियत को प्रधानमन्त्री भी समझते हैं. लखनऊ में हुए इन्वेस्टर समिट में प्रधानमन्त्री ने बुंदेलखंड को डिफेन्स कारीडोर की सौगात दी है.
इसके साथ ही कानपुर और हमीरपुर के बीच 1980 मेगावाट नवेली पावर प्लांट की भी सौगात दी है. केंद्र सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों के बल पर 2019 में बीजेपी बुंदेलखंड में चुनावी मैदान में उतरेगी.
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन से बीजेपी पर क्या असर पड़ेगा और इस गठबंधन से कैसे निपटा जाएगा, यही जानने के लिए संघ प्रमुख यह दौरा कर रहे हैं. बुंदेलखंड का दिल जीतने के लिए और क्या किया जाए इस पर भी उनकी नजर होगी.