कानपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत कानपुर में हैं और माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वो शहर का मूड भांपने की कोशिश करेंगे. वह अपने दिवंगत साथी कांशीराम को श्रद्धांजलि देने उनके घर भी जाएंगे. शनिवार सुबह संघ प्रमुख मोहन भागवत सेन्ट्रल स्टेशन पर उतरे.


कानपुर के सांसद डॉ मुरली मनोहर जोशी का परफॉर्मेंस बहुत खास नहीं रहा है और कांग्रेस व सपा अभी से जनता का दिल जीतने की कोशिशें कर रही है. बीजेपी के लिए कानपुर की सीट काफी खास है. पहले ये सीट श्रीप्रकाश जायसवाल के पास थी इसलिए कांग्रेस की नजरें इस सीट पर हैं.


कैराना उपचुनाव: शामली में CM योगी ने गन्ना किसानों के बीच कहा- 'जिन्ना की फोटो नहीं लगने देंगे'


2014 में मुरली मनोहर जोशी ने यहां बड़ी जीत हासिल की थी. बीजेपी के लोग चाहते हैं कि इस बार ये सीट किसी बड़े नेता को दी जाए अन्यथा जीत हाथ से फिसल सकती है.


बीते 27 अप्रैल 2018 को गृहमंत्री राजनाथ सिंह अपने अध्यात्मिक गुरु से मिलने के लिए कानपुर आए थे. राजनाथ सिंह ने इसी बहाने कानपुर का मूड भांपने का प्रयास किया था. बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक उन्होंने इस विषय में चर्चा भी की थी.


'सीएम अंकल प्लीज मदद कीजिए, खुलेआम घूम रहे हैं हमारी मां के कातिल'


संघ प्रमुख मोहन भागवत भी इस बात को समझ रहे हैं कि कानपुर में मेयर से लेकर पार्षद, 10 विधानसभाओं में से 7 विधायक बीजेपी के और सांसद भी बीजेपी के हैं. यह सीट पूरी तरह से मजबूत दिख रही है. लेकिन यदि इस संसदीय सीट में जरा भी लापरवाही बरती गई तो बीजेपी इस सीट को गवां देगी.


जानकारी के मुताबिक मोहन भागवत सपा-बसपा के बीच हुए गठबंधन से इस सीट पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस बात को भी समझना चाहते हैं. वे अपने लोगों से इस बात पर चर्चा करेंगे कि इस गठबंधन से कैसे निपटा जाये और गठबंधन को कैसे परास्त किया जाए.