आरएसएस के संगठन संस्कृत भारती ने फिरोज खान के पक्ष में जारी किया बयान, कही ये बड़ी बात
डॉक्टर फिरोज खान के पक्ष में आरएसएस के बनारस विभाग के सामने आने के बाद अब आरएसएस का एक और संगठन संस्कृत भारती भी डॉक्टर फिरोज खान के समर्थन में उतर आया है.
नई दिल्ली: डॉक्टर फिरोज खान के पक्ष में आरएसएस के बनारस विभाग के सामने आने के बाद अब आरएसएस का एक और संगठन संस्कृत भारती भी डॉक्टर फिरोज खान के समर्थन में उतर आया है. संस्कृत भारती के महामंत्री श्रीश देवपूजारी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है. संस्कृत भारती ने अपने बयान में कहा है कि डॉक्टर फिरोज खान को संस्कृत पढ़ाने के लिए उनके संगठन ने ही प्रशिक्षित किया है.
बयान में लिखा है- कुछ दिनों से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या विज्ञान संकाय के छात्रों का डॉक्टर फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में आंदोलन चल रहा है. इसको संचार माध्यमों में भी पर्याप्त प्रस्तुति दी गयी है. संस्कृत भारती के पदाधिकारियों को भी स्थान स्थान पर इस आंदोलन के संदर्भ में प्रश्न पूछे गए. कोई भी व्यक्ति भ्रमित ना हो इसलिए संस्कृत भारती की ओर से अधिकृत वक्तव्य जारी किया जा रहा हैं.
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बयान में आगे कहा गया है- संस्कृत भारती पूरे विश्व को संस्कृत सिखाने के लिए निकली है. संस्कृत भारती का भारत के अतिरिक्त 17 देशों में ये काम कर रही है. जिसमें अरब देश भी शामिल हैं. हम गीत गाते हैं, 'पाठ्यम संस्कृतं जगति सर्व मानवान' भारत में हमने हजारों व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है, उनमें से एक डॉक्टर फिरोज खान भी हैं.
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बयान में कहा गया है- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के विषय में पहले समझ लेना होगा कि डॉक्टर फिरोज खान की नियुक्ति संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के अंतर्गत साहित्य विभाग में हुई है. किसी भी संकाय में कई विभाग होते हैं. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में भी साहित्य, व्याकरण, धर्मशास्त्र, वेद इत्यादि कई विभाग हैं. यदि किसी मुसलमान ने साहित्य पढ़ाया तो कौन सा संकट आ गया ?
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आरएसएस के इस बयान में कहा है- कुछ लोग संचार माध्यमों में या असत्य प्रचार कर रहे हैं कि डॉक्टर फिरोज खान अब कर्मकांड पढ़ाएंगे, यज्ञ करवाएंगे. नियुक्ति प्रक्रिया पर संकाय अध्यक्ष विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर हैं. क्या वह किसी मुसलमान को कर्मकांड पढ़ाने या यज्ञ कराने के लिए नियुक्त करेंगे? सभी के विभाग भिन्न-भिन्न है और सभी में विद्वान प्राध्यापक नियुक्त है. वे अपने-अपने विषयों को पढ़ाने में सक्षम है.
बयान में लिखा है- ऐसा ही एक भ्रम धर्मशास्त्र इस विषय से संबंधित है. धर्म यानी रिलीजन नहीं है भारत एक सनातन राष्ट्र है. समाज को नियंत्रित करने के लिए इस राष्ट्र में भिन्न-भिन्न काल में अलग अलग संविधान थे. उनको स्मृतियां कहते हैं. उनका अध्ययन धर्म शास्त्र विभाग में होता है. आधुनिक शब्दावली में कहे तो धर्मशास्त्र को विधिशास्त्र कहते हैं. संस्कृत भारती का सभी छात्रों से आग्रह है कि वे तुरंत आंदोलन वापस ले. विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध है वे शीघ्र सामान्य परिस्थितियां बनाएं और डॉक्टर फिरोज खान से विनती है कि वे निर्भय होकर विश्वविद्यालय में योगदान दें."
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संस्कृत भारती की ओर से जारी किए गए इस बयान ने साफ है कि डॉक्टर फिरोज खान को आर एस एस की ही एक विंग संस्कृत भारती ने संस्कृत पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया है. संस्कृत भारती आरएसएस के संस्कृत भाषा के विस्तार के लिए बनाया गया संगठन है.