इसके साथ ही मायावती ने कहा कि रोड-शो और भजन कीर्तन करना चुनावों के दौरान फैशन बन गया है. इसमें बहुत अधिक पैसा खर्च होता है. चुनाव आयोग को चाहिए कि वो इस पैसे को भी उम्मीदवार के खर्चे में जोड़ दे.
मायावती ने कहा कि जब किसी उम्मीदवार पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए बैन लगता है, तब वो सार्वजनिक जगहों पर जाते हैं और मंदिरों में पूजा करते हैं. इस चीज को मीडिया में दिखाया जाता है. ये बंद होना चाहिए. चुनाव आयोग को इस पर एक्शन लेना चाहिए.
आपको बता दें कि मायावती ने मोदी पर ये हमला ऐसे वक्त में किया है जब आखिरी चरण में मतदान बाकी है, जहां मोदी के सहयोगी राजभर ने उनका साथ छोड़ रखा है और तीन सीटों पर महागठबंधन और कांग्रेस के उम्मीदवारों के समर्थन का एलान किया है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने मिर्जापुर में कांग्रेस, महाराजगंज और बांसगांव में गठबंधन को समर्थन देने का फैसला लिया है.
मोदी पर की थी ये टिप्पणी
एक दिन पहले ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला था. उन्होंने कहा," मुझे पता चला है कि बीजेपी में खासकर विवाहित महिलाएं अपने पतियों को मोदी के करीब जाता देखा घबरा जाती हैं. वह सब यह सोचती हैं कि कहीं यह मोदी अपनी औरत की तरह ही हमको भी हमारे पतियों से अलग न करवा दे."
मायावती ने कहा, "बीजेपी के लोग महिलाओं का सम्मान नहीं करते यहां तक कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए पीएम मोदी ने अपनी पत्नी को भी छोड़ दिया. मोदी अगर राजनीतिक लाभ के लिए अपनी पत्नी को छोड़ सकते हैं तो फिर देश की मां व बहनों को वह कैसे न्याय दे सकते हैं. वह इनको कैसे सम्मान देंगे."
लगातार पीएम को ले रही हैं निशाने पर
मायावती लगातार पीएम पर निशाना साध रही हैं और अपने भाषणों में तीखा हमला कर रही हैं. वे जहां भी जाती हैं वहां कहती हैं कि नमो नमो जाने वाले हैं और जय भीम वाले आने वाले हैं. उन्होंने सीधे तौर पर कभी खुद को पीएम पद का उम्मीदवार नहीं बताया लेकिन इशारों में अपने समर्थकों तक अपनी बात को पहुंचा दिया. उन्होंने ये तक भी कहा कि चुनाव के बाद जब पीएम या अन्य कोई बड़ी जिम्मेदारी संभालने के लिए चुनाव लड़ना हुआ तो वे चुनाव लड़ेंगी.