अहमदाबाद: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पूर्व नेता और अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर वह अपन रुख स्पष्ट करे. साथ ही उन्होंने मोदी सरकार से जानना चाहा कि वह अभी तक मंदिर बनाने में असफल क्यों रही है.


अयोध्या में रविवार को विश्व हिन्दू परिषद की ओर से आयोजित ‘धर्म सभा’ का हवाला देते हुए तोगड़िया ने आरोप लगाया कि यह मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में बीजेपी को लाभ पहुंचाने की कोशिश भी हो सकती है. तोगड़िया ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद का गठन किया है.


संवाददाता सम्मेलन में तोगड़िया ने कहा, ‘‘केन्द्र में बीजेपी की सरकार के चार, साढ़े चार साल में वे (विहिप और आरएसएस) कहां थे? क्या वह इन विधानसभा चुनावों के कारण बाहर आए हैं या फिर आगामी लोकसभा चुनाव के कारण? क्या वह मंदिर के लिए था या फिर चुनावों के लिए?’’


उन्होंने सवाल किया कि एक महीने पहले आरएसएस के नेताओं ने लखनऊ में बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की. आरएसएस ने उस वक्त बीजेपी से राम मंदिर बनाने को क्यों नहीं कहा? अब आप मंदिर के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन किसके खिलाफ? अगर आप केन्द्र के खिलाफ हैं तो उनके साथ क्यों हैं?


बता दें कि प्रवीण तोगड़िया ने हाल ही में कहा था कि वह 'मुख्यधारा की राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं' और जल्द ही अपनी पार्टी के नाम की घोषणा करेंगे, जो 2019 लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेगी.


अयोध्या में भव्य राम मंदिर के हिमायती और अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए तोगड़िया ने बीजेपी पर मंदिर मामले में लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया था. तोगड़िया ने विहिप से निष्कासित किए जाने के तुरंत बाद परिषद का गठन किया था.


विश्व हिंदू परिषद के पूर्व नेता ने कहा था कि उनके लिए समय आ गया है कि वह 'हिंदू-विरोधी ताकतों' को 2019 लोकसभा चुनाव में हराने के लिए उम्मीदवार उतारें. उन्होंने कहा, "हम 2019 लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और हमारा पूरा ध्यान अयोध्या, काशी और मथुरा में पुनर्निर्माण करने और हमेशा के लिए उनके परिदृश्य को बदलने पर होगा."