मथुरा: उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने मथुरा जिले के 15 अफसरों पर आरटीआई एक्ट के तहत मांगी गई सूचना उपलब्ध न कराने के कारण 25 हजार का जुर्माना लगाया है. जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा को इन सभी अफसरों की जुर्माने राशि को उनके वेतन से काटकर जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं.


अपर जिलाधिकारी (कानून और व्यवस्था) और जिले के प्रभारी जन सूचना अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया, ‘जिले के अधिकांश अधिकारी आरटीआई एक्ट, 2005 के तहत मांगी जा रही सूचनाएं लोगों को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. इसमें अनेक अफसर ऐसे भी हैं, जो सही सूचनाएं न देते हुए आधी-अधूरी जानकारी दे रहे हैं.’ उन्होंने बताया, ‘तहसीलदार, मांट और बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी ने तो पूर्व तैनाती जनपदों में भी सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई हैं. ऐसे में जनसूचना के लिए लोगों को राज्य सूचना आयुक्त की शरण लेनी पड़ रही है.


जन सूचनाधिकारी ने कहा, ‘इसलिए इन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को बाध्य होना पड़ा है. सभी पर 25-25 हजार रुपए का अधिकतम जुर्माना लगाया गया है. इनमें भी तहसीलदार (मांट) और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के जन सूचना अधिकारी ऐसे हैं जिन पर कुल 50-50 हजार का जुर्माना लगाया जा चुका है.’


बता दें कि साल 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई एक्ट) संसद से पास किया गया था. इसके तहत भारत का कोई भी नागरिक मात्र 10 रूपये की राशि जमा करके किसी भी सरकारी कार्यालय से सूचना मांग सकता है. अगर कोई अधिकारी सूचना देने से मना करते हैं, या आधी-अधूरी सूचना देते हैं तो शिकायत करने पर इस एक्ट के तहत ऐसे अधिकारियों को दंडित करने का प्रावधान है.