नई दिल्ली: व्यापम घोटाले के व्हिसल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी सेंट्रल जेल से रिहा हो गए. आशीष आरटीआई कार्यकर्ता हैं. व्यापम घोटाले को उजागर करने में आशीष की बड़ी भूमिका थी. आशीष चतुर्वेदी कोर्ट के समन भेजने के बावजूद गवाही नहीं दे रहे थे. इसके चलते सीबीआई की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. जिसके बाद आशीष कोर्ट में हाजिर हुए.


कोर्ट ने आशीष को गवाही देने का निर्देश दिया मगर आशीष गवाही देने के लिए तैयार नहीं हुए. उन्होंने दलील दी कि उनका वकील मौजूद नहीं है इसलिए वो गवाही नहीं देंगे. कोर्ट के बार बार कहने के बावजूद जब आशीष ने गवाही नहीं दिया तो कोर्ट ने उन पर 200 रूपये का जुर्माना लगा दिया. मगर आशीष ने जुर्माना भरने से भी मना कर दिया. जिसके बाद जेल वारंट बनाकर उन्हें सेंट्रल जेल भेज दिया गया. शाम को उनके एक रिश्तेदार ने कोर्ट पहुंचकर जुर्माना भर दिया. जिसके बाद आशीष का रिलीज ऑर्डर जारी हुआ. रिलीज ऑर्डर जारी होते होते रात हो गई जिसके चलते उन्हें रिहा नहीं किया जा सका और उन्हें सेंट्रल जेल में ही रात बितानी पड़ी. 10 अगस्त की सुबह उन्हें रिहा कर दिया गया.


क्या है मामला?


आशीष चतुर्वेदी पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले डॉक्टर राहुल यादव के केस में फरियादी हैं. राहुल यादव पर आरोप है कि उन्होंने हायर सेकेंडरी परीक्षा पास किए बिना फर्जी तरीके से पीएमटी में प्रवेश पा लिया था. इस मामले में आशीष के अलावा 29 गवाह थे. आशीष के अलावा बाकी सबकी गवाही हो चुकी है.


गौरतलब है कि कोर्ट ने जब आशीष को अपना बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया तो उन्होंने एक नया आवेदन कोर्ट में पेश कर दिया और कहा कि पहले उनके आवेदन पर गौर किया जाए. इसके बाद ही वो गवाही देंगे.


इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि, 'ये मामला 2014 से चल रहा है. पुलिस महज़ खानापूर्ति कर रही है. इसलिए मैं चाहता हूं कि कुछ और लोगों को भी आरोपी बनाया जाए'.


उनकी इस दलील पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वो सिर्फ उसी मामले पर कार्रवाई कर सकता है जो चालान के जरिये कोर्ट में पेश हुआ है. कोर्ट के इतना बोलने के बावजूद जब आशीष ने बयान नहीं दर्ज कराया तो कोर्ट ने उनपर जुर्माना लगा दिया. आशीष ने जुर्माना भरने से भी मना कर दिया. उन्होंने कहा कि वह कोई अपराधी नहीं हैं. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया.