मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी कही जानी वाली मायानगरी मुंबई फिर एक बार सवालों के घेरे में है. सबसे सुरक्षित राज्यों में से एक माने जाने वाली मुंबई में अब लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. बृहन्मुंबई महानगरपालिका के द्वारा मिली आरटीआई रिपोर्ट की जानकारी में कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि साल 2019 के दौरान मुंबई में कुल 13150 दुर्घटनाओं में से 179 लोगों ने अपनी जान गंवाई है जबकि 722 लोग घायल हुए हैं.
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने यह जानकारी बृहन्मुंबई महानगरपालिका से आरटीआई द्वारा हासिल की है. कार्यकर्ता शकील अहमद शेख का कहना है कि उन्होंने साल 2019 में आपातकालीन प्रबंधन विभाग से मुंबई में आपातकालीन दुर्घटनाओं में कितने लोगों की मौत और घायल होने के बारे में जानकारी मांगी थी. इस संबंध में मुंबई महानगरपालिका के सूचना अधिकारी और आपातकालीन प्रबंधन विभाग की उप मुख्य अधिकारी रश्मि लोखंडे ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत शकील अहमद शेख को जानकारी प्रदान की है.
आंकड़ों के अनुसार एक जनवरी से दिसंबर 2019 तक कुल 13150 दुर्घटनाएं हुई हैं. इन हादसों में कुल 179 लोगों की मौत हुई. इनमें 132 पुरुष और 47 महिलाएं शामिल हैं. इन हादसों में कुल 722 लोग घायल हुए. इनमें 465 पुरुष और 257 महिलाएं शामिल हैं. इन दुर्घटनाओं में 179 लोगों की मौत कभी पेड़ों की शाखाओं के गिरने से हुई है, कभी घरों की छत, दीवार गिरने से, इमारतों में आग, शॉर्ट्स सर्किट, गैस के रिसाव से, सड़क पर गिरने, समुद्र, नाली, नदी, कुएं, नाले या मैनहोल में गिरने से हुई हैं.
आपातकालीन दुर्घटनाओं के आंकड़े
अगर इन दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल आग और शॉर्ट सर्किट की वजह से कुल 5254 घटनाएं हुई हैं. जिसमें 24 पुरुषों और 14 महिलाओं सहित कुल 38 लोगों को जान गंवानी पड़ी. साथ ही कुल 216 लोग घायल हुए, जिनमें 142 पुरुष और 74 महिलाएं शामिल हैं.
वहीं घरों, दीवारों या इमारतों के गिरने की कुल 1003 घटनाएं हुईं. जिसमें 31 पुरुषों और 26 महिलाओं सहित कुल 57 लोगों की मौत हुई है. कुल 299 लोग घायल हुए, जिनमें 166 पुरुष और 132 महिलाएं शामिल हैं. पेड़ों के गिरने की कुल 4937 घटनाएं हुईं, जिसमें सात पुरुषों और एक महिला समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई है. 14 पुरुषों और छह महिलाओं समेत कुल 21 लोग ऐसी घटनाओं में घायल हुए हैं. साथ ही समुद्र, नाले, नदी, कुएं, नाले, खदान, मैनहोल में गिरने की 128 घटनाएं हुईं हैं. जिसमें कुल 62 लोगों ने अपनी जान गंवाई. इसमें 56 पुरुष और छह महिलाएं शामिल हैं.
साल 2013 से 2018 में हुईं इतनी मौतें
इसके अलावा अगर सड़क दुर्घटनाओं की बात करें तो कुल 97 घटनाएं हुई हैं. जिसमें कुल 13 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 13 पुरुष शामिल हैं. 55 पुरुषों और 19 महिलाओं समेत कुल 74 लोग घायल हुए हैं. साल 2013 से 2018 तक कुल 49179 आपातकालीन दुर्घटनाओं में कुल 987 लोगों की मौत हुई और 3066 लोग घायल हुए थे.
आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख का कहना है कि इतनी मौतें तो आतंकवादी गतिविधयों में भी नहीं हुई हैं जितनी मौतें हर साल मुंबई में आपातकालीन दुर्घटनाओं में हुई हैं. इस संदर्भ में शकील अहमद ने बीएमसी कमिश्नर प्रवीन परदेशी और चीफ फायर ऑफिसर प्रभात रहांगदले को पत्र लिखकर आपातकाल दुर्घटनाओं पर जल्द से जल्द काबू पाने और ठोस कदम उठाने की मांग की है.
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