बरेली: बरेली कॉलेज में आरक्षण के मुद्दे पर आज जमकर हंगामा हुआ. आरक्षण को लेकर एबीवीपी और समाजवादी छात्र सभा के गुट आमने सामने आ गए. हालात बिगड़ते देख बरेली कॉलेज कुछ ही देर में छावनी में तब्दील हो गया. कई थानों की पुलिस, सीओ और मजिस्ट्रेट कॉलेज पहुंचे.


एलएलबी प्रवेश प्रक्रिया में समाजवादी छात्र सभा ने उठाई आरक्षण की मांग


देश भर में आरक्षण को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. हालत ये है कि शिक्षण संस्थान भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं. आज बरेली कॉलेज में आरक्षण के मुद्दे पर जमकर विवाद हो गया. एलएलबी में एडमिशन को लेकर समाजवादी छात्र सभा का गुट आरक्षण की मांग कर रहा है. जिसको लेकर पिछले 3 दिनों से कॉलेज में धरना चल रहा है. लेकिन आज विवाद ज्यादा बढ़ गया. दरअसल एबीवीपी के कार्यकर्ता बरेली कॉलेज पहुंचे और प्राचार्य का घेराव कर दिया. एबीवीपी कार्यकर्ताओं की मांग है कि एडमिशन जैसे पहले से होते आ रहे हैं वैसे ही हों. लेकिन समाजवादी छात्र सभा आरक्षण की मांग पर अड़ा हुआ है.


ABVP और समाजवादी छात्र के छात्र नेताओं ने किया प्राचार्य का घेराव


एबीवीपी के कार्यकर्ता प्राचार्य के ऑफिस में घुस गए तो समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ता प्राचार्य के ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए. धरने पर बैठे छात्र नेताओं ने पुलिस प्रशासन, कॉलेज प्रसासन और बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. धरने पर बैठे छात्रों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि ये तो खाली झांकी है पूरी पिक्चर बाकी है, जुल्म हुआ जो दलितों पर खून बहेगा सड़को पर, आरक्षण विरोधी वापिस जाओ, डॉ अम्बेडकर अमर रहे.


बरेली कॉलेज बना राजनीति का अखाड़ा, छात्र राजनीति में बीजेपी और एसपी नेताओं ने आग में घी डालने का किया काम


छात्र राजनीति में बीजेपी और एसपी के नेता भी कूद गए और दोनों पार्टियों के नेता बरेली कॉलेज पहुंच गए. कॉलेज में नेताओं के पहुचने से जमकर भाषणबाजी हुई. कॉलेज पहुंचे एसपी नेताओं ने कहा कि जब तक आरक्षण नहीं मिलता तब तक हम लोग यहां धरने पर बैठे रहेंगे चाहे फिर हम पर गोलियां ही चला दी जाएं. इस दौरान जब समाजवादी पार्टी के नेताओं और छात्र नेताओं ने प्राचार्य के ऑफिस में घुसने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों से जमकर झड़प हुई.



प्राचार्य ने गेंद रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पाले में डाली


वहीं इस मामले में बरेली कॉलेज के प्राचार्य डॉ अजय का कहना है कि कॉलेज में एडमिशन आरक्षण को ध्यान में रखते हुए किए गए. उस वक्त कोई गतिरोध नहीं आया लेकिन एलएलबी के एडमिशन में एक छात्र संगठन ने आपत्ति उठाई तो उस पर विचार किया गया. लेकिन दूसरे संगठन ने कहा जो प्रक्रिया हमेशा से अपनाई जा रही है वही अपनाई जाए. लेकिन छात्रों के दोनों गुटों के विरोध के चलते प्राचार्य ने गेंद अब रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पाले में डाल दी. दरअसल समाजवादी छात्रसभा के दबाव में आकर कॉलेज प्रशासन ने एलएलबी में एडमिशन का प्रारुप बदल दिया था, जबकि यूजी पीजी में जिस मेरिट से एडमिशन हुए थे उसको विवि ने भी सही बताया था.


कॉलेज ने दबाव में एडमिशन का प्रारुप बदला और शुक्रवार से एडमिशन होने थे. इसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने मोर्चा खोलते हुए जबरदस्त घेराव शुरू कर दिया है. इस दौरान एडमिशन बंद होने पर उग्र छात्रों ने कॉलेज के छात्रनेता मुस्तफा हैदर के साथ मारपीट कर दी. इसके बाद समाजवादी छात्रसभा हैदर के समर्थन में आ गई. मारपीट की घटना के बाद एबीवीपी और समाजवादी छात्रासभा आमने सामने आ गए हैं. दोनों पक्षों से सैकड़ों छात्रनेता कॉलेज में पहुंच गए.


ऐसे में कॉलेज में बवाल के हालात बन गए. हंगामा बढ़ता देख चीफ प्राक्टर ने मौके पर पुलिस बुला ली है, वहीं छात्रनेता हंगामा कर रहे हैं. इस विवाद के बीच सभी कक्षाएं बंद करा दी गई है. पुलिस की मौजूदगी में कॉलेज भी बंद कराया जा रहा है.


छात्र गुटों की राजनीति की वजह से नहीं हो सके एलएलबी में प्रवेश


वहीं छात्र गुटों के हंगामे की वजह से अभी तक एलएलबी में एडमिशन नहीं हो सके हैं. बता दें कि समाजवादी छात्रसभा के छात्रनेताओं ने एलएलबी प्रथमवर्ष की मेरिट में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए मेरिट में पहले ओपन कैटगरी के एडमिशन की मांग की थी. दो दिन तक जारी हंगामे और घेराव के बाद प्राचार्य ने सछास के कहे अनुसार पहले ओपन के एडमिशन कराने का आदेश जारी कर दिया. इसके तहत कुल 320 सीटों की एक साथ मेरिट जारी करने के बजाय ओपन कैटगरी की 160 सीटों पर एडमिशन होने थे. इसमें 112 सीटें ओपन, 32 सीटें वूमन कोटा और बाकी पीएच, डीएफ और एफएफ कोटे की थी.