लखीमपुर खीरी: अपने विवादित बयानों के लिए जानी जाने वाली हिन्दू कार्यकर्ता साध्वी प्राची ने मांग की कि केंद्र की भाजपा सरकार संसद में राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाए ताकि मंदिर निर्माण के रास्ते की बाधा दूर हो. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण निश्चित है और 25 नवंबर को अयोध्या में इस मामले पर विचार विमर्श के लिए लाखों ‘राम भक्त’ एकत्र हो रहे हैं.
लखीमपुर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'या तो अदालत जल्द फैसला सुनाए या (केंद्र) सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाए." साध्वी प्राची ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि वह राम मंदिर मुद्दे पर राजनीति कर रहे है.
उन्होंने कहा,"एक ब्राहमण जिसे अपने गोत्र तक की जानकरी नहीं है, नकली जनेऊ पहन कर एक मंदिर से दूसरे मंदिर जा रहा है और राजनीति कर रहा है. उसे मोदी जी के पास जाना चाहिए, राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने के लिए उन्हें अपना समर्थन देना चाहिए ताकि इस मुद्दे का स्थायी समाधान हो सके."
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद द्वारा 25 नवंबर को धर्म सभा के आयोजन से पहले बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर उस दिन संविधान ताक पर रखकर 1992 का इतिहास दोहराया जाएगा. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री व योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते यदि राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो कभी भी राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पायेगा.
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कहा कि रविवार को अयोध्या में निर्धारित 'धर्मसभा' राम मंदिर के निर्माण के लिए बाधाओं को दूर करने का 'आखिरी प्रयास' है. मंदिर के शुरुआती निर्माण के लिए रणनीति पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई गई है. एक बयान में वीएचपी क्षेत्रीय संगठनात्मक सचिव भोलेंद ने कहा कि अब और कोई सभाएं नहीं होंगी और अब अगला पड़ाव मंदिर के निर्माण की शुरुआत होगी.
दूसरी ओर 25 नवंबर को होने वाली धर्मसभा के मद्देनजर अखिलेश यादव ने अयोध्या में फौज तैनात करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में फौज लगाए क्योंकि बीजेपी वाले कुछ भी कर सकते हैं. बीजेपी को ना तो संविधान पर भरोसा है और ना ही सुप्रीम कोर्ट पर.