सहारनपुर: शराब कांड से गुस्साए मृतकों के परिजनों और महिलाओं ने देहरादून-दिल्ली स्टेट हाईवे पर जाम लगाकर हंगामा किया. परिजनों की मांग है कि उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए. औरतें जिन्होंने अपने पति को खोया है वो नौकरी की मांग कर रही हैं. इसके साथ ही इन लोगों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने जमकर मोदी और योगी सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए.परिजनों का कहना है कि घटना के बाद बीजेपी सरकार के किसी भी नेता और मंत्री ने सुध नहीं ली. इसके साथ ही घटना को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया है. गुस्साए लोगों ने शराब के ठेके पर पथराव भी किया. जाम के कारण हाइवे पर सैकड़ों की तादाद में वाहन फंसे रहे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से हुए दो बड़े हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है. इस मामले में 200 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है. उत्तर प्रदेश में कुल 64, सहारनपुर, 54 और कुशीनगर में 11 मौतों की खबर मिली है.
सहारनपुर के जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने बताया कि अब तक किए गए 46 पोस्टमार्टमों में 36 की मौत जहरीली शराब के सेवन से होने की पुष्टि हुई है. मेरठ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रणविजय सिंह ने कहा कि मेरठ मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे 14 लोगों की हालत गंभीर है.
आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, उत्तराखंड के हरिद्वार में भी 32 मौतें हुई हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ लोग सात फरवरी को एक अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उत्तराखंड के रुड़की स्थित बालुपुर पहुंचे थे जिसके बाद उन्होंने जहरीली शराब का सेवन किया.
पुलिस कार्रवाई में उत्तर प्रदेश से 9,269 लीटर जबकि उत्तराखंड से 1,066 लीटर जहरीली शराब जब्त की गई. उत्तर प्रदेश में कुल 215 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 297 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. उत्तराखंड में 49 मामले दर्ज किए गए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस त्रासदी की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं और पुलिस और आबकारी विभाग के कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.