सहारनपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन में क्रमबद्ध तरीके ढील दी रही है. धार्मिक स्थलों को भी नियमों के दायरे में रहते हुए खोले जाने की अनुमति मिल गई गई है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार द्वारा मस्जिदों में एक साथ अधिकतम पांच लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई है. लेकिन सरकार के इस फैसले को देवबंद के मुस्लिम धर्मगुरु कारी इसहाक गोरा ने नाकाफी बताया है.


मुस्लिम धर्म गुरु कारी इसहाक गोरा ने सरकार से अपील की है कि वह अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करे और धार्मिक स्थल की गुंजाइश देखकर लोगों को इबादतगाहों में अंदर जाने की इजाजत दी जाए. गोरा ने कहा कि इबादतगाहों के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए कार्य करें और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए स्वस्थ्य विभाग की तरफ से बताई गई गाइडलाइंस का पालन करें और करवाएं.


मुस्लिम धर्म गुरु कारी इसहाक गोरा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि शारीरिक दूरी, मस्जिद में मास्क लगा कर आना और मस्जिद में कम समय बिताना ही वक्त का तकाजा है. लोग घर से वजू करके मस्जिदों में जाएं. मस्जिद को सेनिटाइज करने का मतलब मुकम्मल सफाई है और शरीयत के अनुसार सफाई ईमान का हिस्सा है.



बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को निर्देश दिया था कि प्रदेश में धार्मिक स्थलों में एक बार में पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा न हों. उन्होंने इसके लिए प्रशासन व पुलिस अधिकारियों को कहा था कि उन्हें सभी सावधानियां सुनिश्चित करने की जानकारी दें. इसके अलावा सीएम ने धर्मस्थलों पर सैनिटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे. इसके अलावा सीएम ने कहा कि धर्मस्थल में प्रतिमा अथवा धार्मिक ग्रन्थों को कोई भी स्पर्श न करे.



सीएम योगी का निर्देश, धार्मिक स्थलों में एक बार में पांच से अधिक श्रद्धालु न हों