नई दिल्ली: सहारनपुर में लगातार हो रहीं हिंसा की घटनाओं से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं. आज सहारनपुर दंगे को लेकर बुलाई बैठक में सीएम योगी ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को कड़ी फटकार लगाई.
इसके साथ हिंसा रोकने में असफल होने पर सीएम ने सहारनपुर के डीएम और एसएसपी को सस्पेंड भी किया गया है. सहारनपुर रेंज के डीआीजी को भी बदलने का आदेश दिया गया है. प्रमोद कुमार पांडे को नया डीएम और बबलू कुमार को नया एसएसपी बनाया गया है.
नहीं थम रही हिंसा, आज फिर एक गोली मारी
यूपी के सहारनपुर में हिंसा नहीं रुक रही है. आज एक बार फिर एक आदमी को गोली मारी गई है, इससे पहले देर रात प्रजापति समाज के दो लोगों पर दलित समझकर हमला किया गया । ये लोग मायावती की सभा से वापस आ रहे थे. तभङी इनपर जानलेवा हमला हुआ.
जल्द सामान्य होंगे हालात- गृह सचिव
आज यूपी के गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा भी सहारनपुर पहुंचे, गृह सचिव ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि चौबीस से अड़तालिस घंटे में हालात पूरी तरह काबू में होंगे. मणि प्रसाद मिश्रा ने कहा, ''हालात सामान्य हैं, स्थिति जल्द ही नियंत्रण में आ जाएगी. सोशल मीडिया में जो भी आ रहा है, उसकी मोनिटरिंग की जा रही है, मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर सबको भरोसा दिया जा रहा है कि जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा."
तीन हफ्तों से सहारनपुर में तनाव
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के कुछ इलाकों में तनाव लगातार बना हुआ है. पिछले तीन हफ्ते से यहां तनाव बीच बीच में हिंसा में तब्दील हो जा रहा है. सहारनपुर में ताजा मामला दलित और ठाकुरों के बीच हिंसक झड़पों का है. माहौल इस कदर बिगड़ा है कि सूबे के एडीजी आनंद कुमार समेत कई उच्च अधिकारी यहां पहुंचे हुए हैं और हालात सामान्य करने की कोशिश में जुटे हैं.
इस मामले में अबतक 24 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. चूकि मामला जातिगत हिंसा का है इसलिए इसपर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. यहां हम आपको बताते हैं कि सहारनपुर का पूरा मामला है क्या.
सहारनपुर हिंसा: जानें अबतक क्या हुआ, कैसे हुआ और क्यों हुआ ?
क्या हुआ था सहारनपुर में ?
आपको बता दें कि सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में पांच मई को उस वक्त झड़पें शुरू हो गई थीं जब गांव के कुछ दलित निवासियों ने ठाकुरों(अगड़ी जाति के लोगों) की ओर से राजपूत राजा महाराणा प्रताप की जयंती पर एक जुलूस निकालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था.
इसके बाद दलित समुदाय के लोगों ने शहर के गांधी उद्यान में नौ मई को एक महापंचायत करने की कोशिश की, ताकि पांच मई की झड़पों में प्रभावित हुए लोगों के लिए मुआवजे और राहत की मांग की जा सके, लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें महापंचायत आयोजित करने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण दलित समुदाय सड़कों पर उतर गया. फिर हुई हिंसा में दलित प्रदर्शनकारियों ने शहर में कथित तौर पर एक पुलिस चौकी और एक दर्जन से ज्यादा बाइकों को आग के हवाले कर दिया.
सहारनपुर में दलितों की अगुवाई भीम आर्मी नाम का संगठन कर रहा था. रविवार को हजारों दलित अधिकार कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर भी इस मौके पर मौजूद थे. उन पर सोशल मीडिया में एक आपत्तिजनक वीडियो साझा करने और सहारनपुर में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप है.