सहारनपुर: सहारनपुर पिछले तीन दिन से फिर सुलग रहा है. परसों मायावती की रैली से लौटते वक्त एक दलित युवक की हत्या के बाद तनाव इतना बढ़ा कि कल दो जगह फिर गोली चली. सहारनपुर के हालात को काबू करने के लिए योगी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है. सहारनपुर के डीएम औऱ एससपी और आईजी को हटा दिया गया है. सहारनपुर में इंटरनेट सेवाओँ पर रोक लगा दी गई है.
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अधिकारियों के सुनाई खरी खोटी
सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर गांव में सूबे में गृह विभाग के सबसे बड़े अधिकारी यानी राज्य के गृह सचिव पहुंचे तो उन्हें लोगों ने घेर लिया और जमकर खरी खोटी सुनाई. तीन दिन पहले सहारनपुर के इसी शब्बीरपुर गांव में मायावती गई थीं, तब से हालात बिगड़े.
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मायावती की रैली से लौट रहे युवकों पर हमला हुआ, जिसमें एक दलित युवक की मौत हो गई और इसका आरोप राजपूतों पर लगा. कल फिर दलितों औऱ राजपूतों में गोलीबारी की दो घटनाएं हुई. योगी सरकार ने हालात को संभालने के लिए पूरे महकमे को सहारनपुर में उतार दिया है. गृह सचिव एमपी मिश्रा और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आदित्य मिश्रा सहारनपुर में कैंप कर रहे हैं. प्रशासन दावा है कि अब धीरे-धीरे अब हालात सामान्य हो रहे हैं.
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सहारनपुर के अफसरों पर गिरी गाज गाज
सहारनपुर हिंसा को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जिले के डीएम एनपी सिंह, एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे और रेंज के आईजी जे के शाही को हटा दिया है. सहारनपुर के हालात को लेकर सीएम योगी अफसरों से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं. तो योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप उर्फ मोती सिंह को इसमें राजनीतिक साजिश लग रही है.
सहारनपुर में दलितों औऱ राजपूतों के बीच पांच मई से चल रहा संघर्ष योगी सरकार के लिए चिंता की बड़ी वजह बनता जा रहा है. वहीं सहारनपुर की घटनाओं को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है. बीएसपी का प्रतिनिधिमंडल कल रात फिर सीएम से मिला और लोगों को सुरक्षा देने की मांग की.
क्या हुआ था सहारनपुर में ?
आपको बता दें कि सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में पांच मई को उस वक्त झड़पें शुरू हो गई थीं जब गांव के कुछ दलित निवासियों ने ठाकुरों(अगड़ी जाति के लोगों) की ओर से राजपूत राजा महाराणा प्रताप की जयंती पर एक जुलूस निकालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था.
इसके बाद दलित समुदाय के लोगों ने शहर के गांधी उद्यान में नौ मई को एक महापंचायत करने की कोशिश की, ताकि पांच मई की झड़पों में प्रभावित हुए लोगों के लिए मुआवजे और राहत की मांग की जा सके, लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें महापंचायत आयोजित करने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण दलित समुदाय सड़कों पर उतर गया. फिर हुई हिंसा में दलित प्रदर्शनकारियों ने शहर में कथित तौर पर एक पुलिस चौकी और एक दर्जन से ज्यादा बाइकों को आग के हवाले कर दिया.
सहारनपुर में दलितों की अगुवाई भीम आर्मी नाम का संगठन कर रहा था. रविवार को हजारों दलित अधिकार कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर भी इस मौके पर मौजूद थे. उन पर सोशल मीडिया में एक आपत्तिजनक वीडियो साझा करने और सहारनपुर में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप है.
यूपी: तीन दिन से सुलग रहे सहारनपुर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक, अफसरों पर गिरी गाज
एबीपी न्यूज़
Updated at:
25 May 2017 06:58 AM (IST)
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