सहारनपुर हिंसा: कहां है भीम आर्मी का संस्थापक चंद्रशेखर ?
सहारनपुर: यूपी के सहारनपुर में हाल ही में हुई हिंसा का आरोपी चंद्रशेखर अभी तक पकड़ से बाहर है. आपको बता दें कि चंद्रशेखर के बनाए गए संगठन भीम आर्मी पर हिंसा में शामिल होने का आरोप है. हालांकि भीम आर्मी के अध्यक्ष ने हिंसा में शामिल होने से इंकार कर दिया है. भीम आर्मी का दावा है कि उनका मकसद गांव-गांव जाकर दलित बच्चों को शिक्षा देना है. भीम आर्मी से लाखों दलित जुड़े हुए हैं.
सहारनपुर हिंसा से भीम आर्मी का कोई लेना देना नहीं
सहारनपुर में हुई दो समुदायों के बीच के झगड़े में भीम आर्मी का नाम सामने आ रहा है. पुलिस ने भीम आर्मी के संस्थापक चंद्र शेखर के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश की जा रही है.
चंद्रशेखर की तलाश में एबीपी न्यूज़ उसके घर पर पहुंचा लेकिन वो हमें नही मिला. भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह के मुताबिक 9 मई को जो हिंसा और आगजनी हुई उसका भीम आर्मी से कोई लेना देना नहीं है.
भीम आर्मी से जुड़े हैं दलित समुदाय के लाखों लोग विनय रतन सिंह के मुताबिक भीम आर्मी की शुरुआत साल 2015 में की गई थी. इसका गठन गांव-गांव जाकर बच्चों को पढ़ाने के लिए किया गया था. इस आर्मी का मकसद एजुकेशन सिस्टम को ठीक करना है.
विनय के मुताबिक भीम आर्मी सिर्फ दलित समुदाय के लोगों के लिए ही काम करती है. दलित समुदाय के लाखों लोग इस आर्मी से जुड़े हैं. सिर्फ सहारनपुर में ही भीम आर्मी के 40 हज़ार सदस्य है.
भीम आर्मी का किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं भीम आर्मी किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंध होने से इनकार करती है. ऐसे में बड़ सवाल ये है कि 6 मई को भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर और बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक दोनों एक ही मंच पर क्या कर रहे थे ? फ़िलहाल विनय रतन की मानें तो उन्हें ये नहीं पता कि चंद्रशेखर कहा हैं.
एक महीने के अंदर हुईं ये तीनों घटनाएं
आपको बता दें कि 9 मई को सहारनपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा और आगजनी हुई थी. तो वहीं 5 मई को महाराणा प्रताप की शोभायात्रा को लेकर ठाकुरों और दलितों के बीच संघर्ष हुआ. इसके बाद कल फिर दलितों की भीम सेना की महापंचायत को लेकर हिंसा हुई. इससे पहले 20 अप्रैल को सड़क दूधली गांव में बिना इजाजत आंबेडकर शोभा यात्रा निकालने पर बवाल हुआ था. एक महीने के अंदर ये तीनों घटनाएं हुईं हैं, जिसमें एक शख्स की मौत भी हो चुकी है