लखनऊ: संघ प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग का अयोध्या के साधु संतों ने स्वागत किया है. अयोध्या के विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने भी कहा कि भागवत ने उनके मन की बात कही है. अयोध्या के धर्माचार्यों ने मांग की है कि मंदिर आंदोलन मे शहीद हुए कारसेवकों को सरकार अपनी श्रद्धांजली दे.


आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में विजयदशमी की पूर्व संध्या पर स्वयंसेवकों के सामने विचार व्यक्त कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनना चाहिए. लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर उनकी चुनी हुई सरकार होने के बावजूद राम मंदिर का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है? उनके इस विचार पर संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी.


श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण विश्व के हिन्दुओं का सपना है. इसके लिए लाखों ने अपने प्राणों की आहूति दी है, और आज भी तत्पर हैं. मंदिर आंदोलन देश की स्वतंत्रता की तरह धार्मिक और सांस्कृतिक आजादी को प्राप्त करने का शंखनाद है. महंत गोपाल दास ने कहा कि मंदिर निर्माण होकर रहेगा यह सत्य है लेकिन उसमें सहयोगी हर किसी को बनना होगा. उनकी मानें तो बीजेपी के घोषणापत्र मे मंदिर निर्माण है, इसलिए अब उस पर ध्यान केंद्रित कर मोहन भागवत के विचारों पर मोदी सरकार आगे बढ़े. उनका विजय दशमी की पूर्व संध्या पर दिया गया बयान हिन्दुओं की भावनाओं का आदर है.

सदगुरूसदन के महंत और केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल की सदस्य सिया किशोरी शरण ममहाराज ने कहा श्रीराम हमारी आस्था श्रद्धाऔर विश्वास के केन्द्र हैं. संघचालक का बयान गंभीर ही नहीं आज की वर्तमान स्थित को देखकर है. केन्द्र सरकार का चयन भारत के हिन्दुओं ने श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के साथ हिन्दुओं की धार्मिक आस्थाओं के संरक्षण के लिएकिया था अब सरकार की बारी है.


सनकादिक आश्रम के पीठाधीश्वर और केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल सदस्य महंत कन्हैया दास ने कहा कि भागवत के बयान से राम जन्म भूमि के लिये आंदोलन कर रहे रामसेवक आशान्वित हुये हैं.विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा सरसंघचालक हमारे परिवार के मुखिया हैं.उनका संदेश ही परिवार के लिए साफ संकेत है.बीजेपी सरकार अपने उत्तरदायित्व को समझे और कानून बनाकर मंदिर आंदोलन के शहीदो का सम्मान करे.