नई दिल्ली:  बीजेपी सांसद साक्षी महाराज एक बार फिर विवादों में हैं. साक्षी महाराज की मेरठ की सभा को लेकर चुनाव आयोग ने डीएम से रिपोर्ट मांगी है. इस सभा में साक्षी महाराज एक बार फिर कुछ ऐसा बोल गए जिस पर विवाद हो गया है. अपनी इस सभा में जहां साक्षी महाराज ने देश में बढ़ती जनसंख्या के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराया और हिंदू महिलाओं से चार बच्चे पैदा करने की वकालत की. अयोध्या विवाद का मुद्दा भी उठाया औऱ बोले कि 'जो कलंक था वो तो हमने मिटा दिया.'


विपक्षी दलों ने उनके इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है. चुनाव आयोग ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और मेरठ के डीएम से रिपोर्ट मांगी है.


आपको बता दें कि यूपी सहित पांचों राज्यों चुनावी बिगुल बज चुका है. तारीखों के एलान के साथ ही पांचों राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है. ऐसे में साक्षी महाराज के इस बयान को  चुनाव आयोग ने तुरंत संज्ञान में लिया है. साक्षी महाराज की सभा में वीडियोग्राफी को लेकर भी हंगामा हुआ. इस सभा में प्रशासन की तरफ से वीडियोग्राफी करने आए पुलिसवालों को साधुओं ने खदेड़ा दिया था. चुनाव आयोग ने पूरे मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए  मेरठ के डीएम से रिपोर्ट तलब की है.



साक्षी महाराज के इस बयान पर विपक्ष ने कड़ा तेवर अख्तियार कियाहै.  कांग्रेस नेता केसी मित्तल ने कहा है, 'जाति और धर्म को लेकर दिया गया साक्षी महाराज का बयान बहुत ही आक्रामक है. यह हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का उल्लंघन है.'


 


कल साक्षी महाराज ने कहा था, ‘देश में जनसंख्या के कारण समस्याएं खड़ी हो रही हैं. उसके लिए हिंदू जिम्मेदार नहीं है, जिम्मेदार वो हैं जो चार बीवियों और 40 बच्चों की बात कर सकते हैं.’


आज चुनाव आयोग के इस कदम के बाद सफाई देते हुए साक्षी महाराज ने कहा, 'जनसंख्या बढ़ रही है, जमीन उतनी ही है. मैंने कहा था कि औरत मशीन नहीं है. मैंने कहा था कि लोगों को जागिगत कीचड़ से निकलकर अब नारी का सम्मान करे. ना चालीस बीवी चालीस बच्चे चलेगा, ना तीन तलाक चलेगा. सबको मिलकर ये निर्णय लेना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'हमें तो इनाम मिलना चाहिए. हम चार भाई हैं औऱ चारों सन्यासी हैं तो बच्चे करने का कोई सवाल ही नहीं है.'