नई दिल्ली: यूपी का सियासी दंगल अब लखनऊ से दिल्ली शिफ्ट हो गया है. यूपी के चुनावी दंगल में समाजवादी पार्टी का झगड़ा छाया हुआ है. अब तक पिता पुत्र की लड़ाई खत्म नहीं हुई है. आज दोनों खेमे चुनाव आयोग पहुंचे और पार्टी पर अपना अपना दावा किया.
समाजवादी पार्टी पर कब्जे की लड़ाई के बीच आज मुलायम सिंह यादव ने चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कहा कि थोड़ा-बहुत मतभेद है, जिसे वो सुलझा लेंगे. मुलायम सिंह यादव ने राज्यसभा अध्यक्ष के नाम एक चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें उन्होंने अखिलेश गुट में शामिल रामगोपाल यादव को सदन में पार्टी के नेता पद से हटाने को कहा है.
सबसे पहले मुलायम सिंह शिवपाल यादव और अमर सिंह चुनाव आयोग गए उसके एक घंटे बाद अखिलेश खेमे के रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल चुनाव आयोग पहुंचे. आयोग से मिलने के बाद दोनों ही खेमों ने अपने अपने दावे किए.
रामगोपाल ने कहा कि वो सारे कागज़ इलेक्शन कमीशन को पहले ही दे चुके है . आज ये कहने गए गए थे कि कमीशन को जो फैसला करना है, वो जल्दी करे क्योंकि चुनाव में अब कम समय बचा है.
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अब बहुमत से मिलेगी ‘साइकिल की सवारी’
अब जिस पक्ष के पास बहुमत (50 प्रतिशत से एक ज्यादा) होगा, उसे पार्टी का नियंत्रण हासिल करने में आसानी होगी. इस आपको बता दें कि अगर समय रहते चुनाव आयोग फैसला नहीं कर पाता तो साइकिल निशान के इस्तेमाल पर रोक लग सकती है. आयोग को बहुमत पर 17 जनवरी से पहले फैसला लेना होगा क्योंकि उसी दिन चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना जारी होगी.
पहले चरण के लिए चुनाव दो फरवरी को होने हैं और अधिसूचना के साथ ही, नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मुलायम और अखिलेश के गुट एक समय पर एक ही चुनाव चिह्न यानी साइकिल के साथ चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.