झांसी: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज झांसी में हुई मुठभेड़ में मारे गए युवक पुष्पेंद्र यादव के परिवार से मिलने झांसी जाएंगे. झांसी में हुई मुठभेड़ को फर्जी बताते हुये सपा ने मांग की है कि इसकी जांच हाई कोर्ट के न्यायाधीश से कराई जाए और संबंधित पुलिस थानाध्यक्ष के खिलाफ युवक की हत्या को लेकर एफआईआर दर्ज की जाए.


मुठभेड़ से पहले पुष्पेंद्र ने थानाध्यक्ष पर गोली चलायी थी- पुलिस


झांसी पुलिस ने दावा किया था कि उसने पांच और छह अक्टूबर की रात कथित रूप से बालू खनन में शामिल पुष्पेंद्र यादव को जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर गुरसराय इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया. पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले पुष्पेंद्र ने कानपुर झांसी राजमार्ग पर मोठ के थानाध्यक्ष धर्मेंन्द्र सिंह चौहान पर गोली चलायी थी.


झांसी के पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि पुष्पेंद्र यादव अवैध रूप से खनन कार्य में शामिल था और 29 सितंबर को थानाध्यक्ष द्वारा उसके कुछ ट्रक जब्त किये जाने के बाद उनसे उसकी कहासुनी भी हुई थी.


पुलिस के मुताबिक, पुष्पेंद्र समेत तीन मोटरसाइकिल सवारों ने शनिवार रात को थानाध्यक्ष धर्मेंद्र और उसके सहयोगी को कानपुर झांसी राजमार्ग पर रोका. पुष्पेंद्र ने धर्मेंद्र पर गोली चलाई और उसकी कार लेकर चला गया. बाद में सुबह करीब तीन बजे गोरठा के पास पुलिस ने तीन लोगों को धर्मेंद्र की कार के साथ पकड़ा और इसी बीच हुई मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया.


युवक के खिलाफ दो अलग अलग एफआईआर दर्ज की गई


रविवार को पुष्पेंद्र यादव, विपिन और रविंद्र के खिलाफ मोठ और गुरसराय पुलिस थाने में दो अलग अलग एफआईआर दर्ज की गई. समाजवादी पार्टी ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुये आरोप लगाया कि पुष्पेंद्र को पुलिस ने उस समय मार डाला जब वह अपने ट्रक छुड़ाने थानाध्यक्ष के पास आया था.


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