लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को पार्टी विधायक दल का नेता मनोनीत ना किए जाने को बीजेपी के दबाव में उठाया गया कदम करार दिया है.


'बीजेपी के दबाव में उठाया गया कदम'


आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा कि आजम खान को एसपी विधायक दल का नेता नहीं बनाया जाना बीजेपी के दबाव में उठाया गया कदम है. सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता होने के नाते वह विपक्ष के नेता भी होते.


उन्होंने कहा कि अगर खान को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाता तो ना ही उनका सरकारी आवास खाली होता और न ही उनके जौहर विश्वविद्यालय पर कोई उंगली उठ पाती. यही कारण है कि बीजेपी ने नेता जी (मुलायम सिंह यादव) पर दबाव बनाकर आजम खान का रास्ता रोक दिया. वैसे, नेता जी पहले ही कह चुके हैं कि (एसपी सुप्रीमो) अखिलेश यादव मुस्लिम विरोधी हैं.


अखिलेश के इस कदम से खफा हैं आजम खान


आपको बता दें कि अखिलेश ने अपने करीबी वरिष्ठ विधायक रामगोविन्द चौधरी को कल खान और अपने चाचा शिवपाल यादव पर तरजीह देते हुए एसपी विधायक दल का नेता मनोनीत किया था. माना जा रहा है कि खान इस कदम से खफा हैं और इसीलिये वह आज अखिलेश द्वारा बुलायी गयी विधानमण्डल दल की बैठक में नहीं पहुंचे.


अहमद ने आरोप लगाया कि एसपी ने प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने की पटकथा एक साल पहले ही लिखनी शुरू की थी और वर्ष 2016 के अन्त तक इसे मुकम्मल कर दिया गया था. आज भी उसी के अनुसार कार्य हो रहा है. आरएलडी नेता ने कहा कि कल अगर अखिलेश को भी बीजेपी का ‘साथ पसन्द’ आने लगे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.