लखनऊ: तमाम उतार-चढ़ाव और आशा-निराशा के बाद उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच विधानसभा चुनाव से पहले आज गठबंधन का औपचारिक एलान कर दिया. एसपी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने प्रेस कांफ्रेंस में इस गठबंधन की घोषणा की.


298+105 सीटों के फॉर्मूले के तहत यूपी में हुआ गठबंधन


लंबी खींचतान और कई दौर की बातचीत के बाद आखिरकार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. गठबंधन के फॉर्मूले के तहत दोनों पार्टियां अखिलेश यादव के नेतृत्व में मिलकर उत्तर प्रदेश के सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जहां कांग्रेस को 105 सीटें दी गई हैं वहीं समाजवादी पार्टी ने अपनी झोली में 298 सीटें रखी हैं.


प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरीक नहीं हुए अखिलेश


यूपी चुनाव को लेकर आज समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन का ऐलान हो गया. गठबंधन का एलान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और समाजवादी पार्टी के अनेक बड़े नेताओं की मौजूदगी में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ. हालांकि, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूबे के सीएम अखिलेश यादव शरीक नहीं हुए. हालांकि, ऐसी खबरें थीं कि अखिलेश इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरीक होंगे, लेकिन ऐन वक़्त पर उन्होंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से दूरी अपना ली.


आरएलडी गठबंधन का हिस्सा नहीं


इस गठबंधन की खास बात ये है कि इसमें किसी दूसरे छोटे दलों को गठबंधन का हिस्सा नहीं बनाया गया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों के बीच अपनी पकड़ रखने वाली अजित सिंह की आरएलडी को भी गठबंधन का साथी नहीं रखा गया है. हालांकि, इससे पहले कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और एसपी के बीच गठबंधन ही नहीं, बल्कि महागठबंधन होगा.


यूपी चुनाव में एसपी औऱ कांग्रेस साथ मिलकर लड़ेंगे. इसमें समाजवादी पार्टी 298 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जबकि 105 सीटों पर कांग्रेस के कैंडिडेट्स दांव आजमाएंगे. आपको बता दें कि पिछले विधानसभा में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने जहां 228 सीटों पर अपनी जीत दर्द की थी तो कांग्रेस ने 28 सीटों पर परचम लहराया था.


यूपी में एक नई सुबह की शुरुआत


एसपी और कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन का ऐलान करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि ये सीटों का बंटवारा नहीं बल्कि दोनों दलों द्वारा यूपी में एक नई सुबह की शुरुआत है.


सांप्रदायिक शक्तियों को उखाड़ फेकेंगे: नरेश उत्तम


नरेश उत्तम ने बताया कि साम्प्रदायिक शक्तियों तथा बीजेपी को समूल उखाड़ने के संकल्प के साथ बनाया गया यह गठबंधन प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा. इनमें से 298 पर एसपी तथा 105 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरेंगे.


उन्होंने कहा कि एसपी के सभी साथियों और कार्यकर्ताओं से अपील है कि एसपी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों को हम भारी बहुमत से विजयी बनाकर अखिलेश यादव को फिर से मुख्यमंत्री बनायेंगे. इससे उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश भी मजबूत होगा.


जनता की प्रगति के लिये एक ऐतिहासिक फैसला: राज बब्बर


कांग्रेस के प्रान्तीय अध्यक्ष राज बब्बर ने इस अवसर पर कहा कि आज देश की व्यवस्था और प्रदेश के माहौल को देखते हुए आज उन तमाम सामाजिक संस्थाओं, बुद्धिजीवियों और तमाम समान विचार वाले लोगों के अनुरोध पर प्रदेश की जनता की प्रगति के लिये आज एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है.


उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में एसपी और कांग्रेस चुनावपूर्व गठबंधन के लिये आपस में तैयार हुए हैं. एसपी और कांग्रेस की साझा वैचारिक ताकत बीजेपी की धुव्रीकरण करने वाली विभाजन और विघटनकारी नीतियों को मजबूती से चुनौती देगी.


रचनात्मक कार्यों की बुनियाद पर खड़ा है एसपी और कांग्रेस का गठबंधन


बब्बर ने कहा कि एसपी और कांग्रेस का यह गठबंधन मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों द्वारा किये गये रचनात्मक कार्यों की बुनियाद पर खड़ा है और यह आगे बढ़ेगा. एसपी और कांग्रेस के गठबंधन के सत्ता में आने पर एक हफ्ते के अंदर साझा न्यूनतम एजेंडा तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों के पास बीजेपी को मजबूत संदेश देने का ऐतिहासिक मौका है कि वह सामाजिक आर्थिक तानेबाने को नष्ट करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.


कांग्रेस के 27 साल यूपी बेहाल के आंदोलन के सवाल पर बब्बर ने कहा कि आप इस गठबंधन से यूपी को प्रगति की ओर देखेंगे, ना कि बेहाली की ओर देखेंगे. मालूम हो कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की खास दिलचस्पी की वजह से कांग्रेस और एसपी के गठबंधन की अटकलें काफी पहले से थीं. बीच में एक बार लगा कि जल्द ही इसका एलान हो जाएगा लेकिन सीटों की संख्या पर बात ना बनने की वजह से इसमें खासा विलम्ब हो गया.


कांग्रेस को 85 सीटें ही देना चाहती थी SP


माना जा रहा था कि कांग्रेस 130 सीटों से कम पर राजी नहीं थी जबकि एसपी उसे अधिकतम 85 सीटें ही देना चाहती थी. एसपी ने गत शुक्रवार को अपने 210 उम्मीदवारों की सूची जारी करके कांग्रेस को कड़ा संदेश भी दिया था. उस वक्त लग रहा था कि अब यह गठबंधन नहीं बनेगा. हालांकि एसपी की तरफ से गठबंधन की सम्भावना खत्म होने की बात भी नहीं कही गयी थी.


सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच सीधी बातचीत होने के बाद इस गठबंधन को मूर्तरूप देने का फैसला किया गया.