इन लोगों ने राज्यपाल से लोकतांत्रिक अधिकारों को मान्यता दिलाने की अपील की. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि राज्य में इन दिनों छात्रों और छात्राओं को संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है.
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि शासन-प्रशासन की कुनीतियों के चलते नौजवानों में हताशा और कुंठा व्याप्त हो रही है. रोजगार का संकट है. उनके भविष्य को अंधेरे में धकेला जा रहा है.
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन में बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं और अंधाधुंध फीस वृद्धि पर कोई रोक नहीं लग रही है. विश्वविद्यालयों में छात्रसंघों के चुनाव नहीं होने से युवाओं में असंतोष है. इन चुनावों को रोकने का कोई औचित्य नहीं है.
चौधरी ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में घट रही घटनाएं निराशा पैदा करती हैं. शैक्षणिक माहौल बाधित हो रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी पैमाने पर खरा उतरने वाले 28 छात्र-छात्राओं को राग-द्वेष के आधार पर विश्वविद्यालय में प्रवेश देने से इंकार कर दिया है इससे छात्रों का भविष्य खराब होगा.
राजनीतिक छुआछूत के आधार पर कार्यवाही से युवकों में असंतोष है. प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने राजभवन से बीजेपी सरकार की निष्क्रियता और राग-द्वेषपूर्ण आचरण के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही करने की मांग की है.