जानें- समाजवादी पार्टी के टूटने पर किसे फायदा होगा और किसे नुकसान
लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सीएम अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया है. निष्कासन के बाद सबसे बड़ा सवाल जो लोगों के सामने उभर रहा है, वह यह है कि इस पूरे घटनाक्रम का चुनाव पर क्या असर पड़ेगा ? समाजवादी पार्टी टूटने पर इसका किसे फायदा होगा और किसे नुकसान होगा ?
समाजवादी पार्टी के कोर वोटर में आम तौर पर यादव और मुसलमानों को माना जाता है. पार्टी में टूट के बाद ये सवाल उठ रहा है कि समाजवादी पार्टी के परंपरागत मतदाता किसे अपना समर्थन देंगे.
यूपी में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 18 फीसदी
यूपी में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 18 फीसदी है. पार्टी की टूट के बाद मुस्लिम मतदाताओं के वोट बिखर सकते हैं. मुस्लिम वोट बीएसपी और कांग्रेस में बंट सकते हैं. ऐसे में मुस्लिम वोटों के बिखराव का फायदा बीजेपी को मिल सकता है.
बीएसपी-बीजेपी को परिवार में टूट का फायदा
उत्तर प्रदेश में यादव मतदाता आंख मूंद कर समाजवादी पार्टी का समर्थन करते हैं. पार्टी की टूट के बाद यादव मतदाताओं के वोट पिता और बेटे की पार्टियों के बीच बंट सकते हैं. इसका फायदा बीएसपी और बीजेपी दोनों को हो सकता है. इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी के कमजोर होने से पिछड़ा वर्ग बीजेपी के पक्ष में जा सकता है. इस स्थिति में अखिलेश और मुलायम को नुकसान हो सकता है.
गठबंधन का स्वरूप क्या होगा?
अखिलेश यादव शुरू से ही कांग्रेस से गठबंधन की पैरवी करते आए हैं, लेकिन अब पार्टी से निकाले जाने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अखिलेश कांग्रेस और आरएलडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं. जाहिर है इसका फायदा अखिलेश को हो सकता है.
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