लखनऊसमाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच साइकिल चुनाव चिन्ह को लेकर संग्राम जारी है. आज रामगोपाल यादव अखिलेश गुट की तरफ से चुनाव आयोग को सांसदों, विधायकों और एमएलसी के हलफनामे के साथ चुनाव आयोग जाएंगे.  रामगोपाल ने कहा है कि अखिलेश के नेतृत्व में जो समाजवादी पार्टी है वो ही समाजवादी पार्टी है. हालांकि चुनाव चिन्ह साइकिल किस गुट के पास जाएगा इस पर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.


 

रामगोपाल यादव ने कहा है, ‘’ चुनाव आयोग के सामने सपा का पूर रिकॉर्ड है. 90 फीसदी प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधि सब अखिलेश यादव के नेतृत्व में जो समाजवादी पार्टी है उसके साथ हैं. उन्होंने कहा है, ‘’मामला बिलकुल साफ है. अखिलेश वाली पार्टी को ही असली समाजवादी पार्टी माना जाए और उसे ही साईकल का चुनाव चिह्न आवंटित किया जाए.’’

रामगोपाल यादव ने कहा कि 229 विधायकों में से 212 विधायकों, 68 एमएलसी में से 56 एमएलसी और 24 सांसदों में से 15 सांसदों ने हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं.



दिनभर चलता रहा बैठकों का दौर

पिता-पुत्र का झगड़ा सुलझाने के लिए सुबह से ही बैठकों का दौर चलता रहा. सुबह साढ़े दस बजे शिवपाल यादव, अखिलेश यादव से मिलने सीएम आवास पहुंचे थे.

बताया जा रहा है कि इस दौरान शिवपाल ने अखिलेश से कहा कि वह और अमर सिंह इस्तीफा देने को तैयार हैं, नेताजी ने आपको बुलाया है. वहीं, इसके बाद मुलायम के घर पर अमर, शिवपाल और मुलायम की बैठक भी हुई.

घमासान को शांत कराने में जुटा परिवार


वहीं, पार्टी में मचे घमासान को शांत कराने में अब पूरा सैफई परिवार जुट गया है. कल देर रात तक सुलह की कोशिशों के लिए बैठकों का दौर चलता रहा. हालांकि फिलहाल अखिलेश और मुलायम खेमे की दरार भरती नज़र नहीं आ रही है. इधर पार्टी की कमान अपने हाथ में ले चुके अखिलेश ने संगठन में तब्दीलियां करनी भी शुरु कर दी हैं.


नहीं शांत हो रहा समाजवादी पार्टी में मचा घमासान


गुरुवार देर रात जब शिवपाल यादव और अमर सिंह, मुलायम सिंह यादव से मिलकर वापस लौट रहे थे, बाहर मीडिया को उम्मीद थी कि बैठक में क्या हुआ इसकी जानकारी शिवपाल या अमर ज़रूर देंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. गाड़ी मुलायम सिंह यादव के घर से बाहर निकली और बिना रुके सीधी निकल गई.


समाजवादी पार्टी में अब अखिलेश की ही चलेगी ?


जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, अखिलेश गुट का दावा मज़बूत होता जा रहा है. अखिलेश यादव की अपने विधायकों के साथ मीटिंग के बाद तो यही लग रहा है कि समाजवादी पार्टी में अब अखिलेश यादव की ही चलेगी.


बैठक में आए विधायकों से अखिलेश ने कहा कि यहां मौजूद किसी भी विधायक का टिकट नहीं कटेगा और अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे.  अपनी दावेदारी मज़बूत करने के लिए अखिलेश यादव के बनाए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सात और ज़िलाध्यक्षों को भी बदल दिया है. सातों ज़िलाध्यक्ष शिवपाल गुट के बताए जाते हैं.


यदुवंश में सुलह की सारी कोशिशें अब तक नाकाम ?


पार्टी और परिवार में जारी दंगल को खत्म करने के लिए गुरुवार को सुबह से लेकर देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा,  सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक, ना तो अखिलेश गुट ही झुकने को तैयार है और ना ही मुलायम गुट.


परिवार को टूट से बचाने के लिए राजनीति से दूर रहने वाले मुलायम सिंह यादव के भाई अभय राम यादव और राजपाल यादव भी अचानक लखनऊ पहुंचे.पहले मुलायम से लंबी बातचीत की फिर अखिलेश यादव से भी जाकर मिले, इस बीच सुलह की कोशिशों में लगे आज़म खान दूसरी बार अखिलेश यादव से मिले. आज़म को अभी भी उम्मीद है कि पिता-पुत्र में सुलह हो जाएगी.