नई दिल्ली/लखनऊ: मुलायम परिवार में झगड़े को लेकर आज का दिन बेहद अहम रहा. आज दोनों पक्षों ने एक साथ चुनाव आयोग के सामने अपनी दलील रखीं. आज की सुनवाई के बाद ये करीब करीब तय हो गया कि समाजवादी पार्टी का साइकिल चुनाव चिन्ह जब्त होगा. चुनाव आयोग में इस मामले की सुनवाई के दौरान दोनों गुट चिन्ह पर अपना दावा करते रहे जिसके बाद चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. अब इस मामले में आगे कोई सुनवाई नहीं होगी और आयोग कभी भी अपना फैसला सुना सकता है.


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  • चुनाव आयोग में समाजवादी पार्टी झगड़े पर सुनवाई पूरी हो गई है. आयोग ने एसपी के झगड़े पर फैसला सुरक्षित रखा है. चुनाव आयोग पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल को लेकर जल्दी फैसला सुनाएगा.

  • सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग में जिरह के दौरान मुलायम गुट के वकील ने चतुराई दिखाने के लिए कहा कि मुलायम को अखिलेश गुट ने अधिवेशन के दौरान मार्गदर्शक बनाया था. इसलिए पार्टी में तो कोई टूट है ही नहीं जो भी झगड़ा है वो अंदरूनी है और प्रशासनिक मामला है. मुलायम सिंह अभी भी चुनाव आयोग में खुद को पार्टी के सबसे बड़े नेता के तौर पर ही पेश कर रहे हैं.

  • सूत्रों के हवाले से खबर है कि चुनाव आयोग के सामने मुलायम सिंह यादव के तेवर ढीले पड़े हैं. मुलायम ने चुनाव आयोग से कहा है कि अखिलेश सीएम हैं और मैं अब सिर्फ मार्गदर्शक हूं. इस पर सभी सहमत हैं. पार्टी में कोई झगड़ा नहीं है. मुलायम ने झगड़े को अंदरूनी मामला बताया है. दूसरी तरफ अखिलेश यादव गुट ने चुनाव आयोग में साइकिल चुनाव चिन्ह पर अपना दावा छोका है. अखिलेश गुट ने दलील दी है कि पार्टी में उनके पास बहुमत है.

  • लंच पर ब्रेक के बाद अब तीन बजे से दोबारा सुनवाई शुरू हो गई है

  • चुनाव आयोग पहुंचे अखिलेश खेमे के रामगोपाल यादव. साथ में किरनमय नंदा और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल भी मौजूद है.


 

 



  • मुलायम सिंह यादव भी चुनाव आयोग पहुंच चुके हैं. थोड़ी देऱ बाद शुरू हो जाएगी सुनवाई.


अखिलेश-मुलायम ने चुनाव आयोग में दी दलील

अखिलेश गुट की ओर से ये दलील दी गई है कि ज्यादातर विधायक और सांसद अखिलेश के साथ हैं, इसलिए चुनाव चिन्ह पर अखिलेश का ही हक है. जबकि मुलायम की दलील ये है कि वो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.  पार्टी उन्होंने बनाई है इसलिए साइकिल पर पहला हक उनका है. मुलायम ने ये भी कहा है कि जिस अधिवेशन में अखिलेश को अध्यक्ष बनाया गया वो अधिवेशन ही असंवैधानिक है.


जब्त भी हो सकता है चुनाव चिन्ह


दोनों पक्ष साइकिल पर अपनी अपनी दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन जो बड़े जानकार हैं उनका मानना है कि अगर किसी गुट ने साइकिल पर से दावा वापस नहीं लिया तो साइकिल जब्त भी हो सकती है.


यूपी में चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है, पहले चरण का चुनाव 11 फरवरी को होना है. 17 जनवरी को नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू होनी है, इसलिए चुनाव आयोग 17 जनवरी से पहले ये विवाद सुलझा लेना चाहता है. अब नजर चुनाव आयोग पर है कि पिता पुत्र की इस लड़ाई में साइकिल किसकी होती है. वैसे मुलायम तो अखिलेश की पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह का राज भी खोल चुके हैं.


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