नई दिल्ली: यूपी चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी दो खेमे में बंट चुका है. पार्टी में चल रहे घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव ने एक बड़ा दांव चला है. एसपी सुप्रीमो ने राज्यसभा के सभापति को चिट्ठी लिखकर रामगोपाल यादव की सदस्यता खत्म करने की मांग की है.



आपको बता दें कि फिलहाल रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी के महासचिव होने के साथ-साथ राज्यसभा से सांसद हैं और पिछले कई सालों से सदन में पार्टी के नेता भी हैं.


मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिलेश CM, रामगोपाल का अधिवेशन फर्जी: मुलायम


समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने जोर दिया कि वह अब भी पार्टी के अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव खेमे द्वारा आयोजित उस अधिवेशन की वैधता पर सवाल किए जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पार्टी का नया अध्यक्ष घोषित किया गया था.


मुलायम एक दिन बाद ही चुनाव आयोग से मिलने वाले हैं. वहां उनका अखिलेश यादव खेमे द्वारा कल सौंपे गए दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर सवाल उठाना तय माना जा रहा है. अखिलेश खेमे द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों में पार्टी के अधिकतर सांसदों, विधायकों और पार्टी प्रतिनिधियों के समर्थन का दावा किया गया है.


अब भी एसपी की यूपी इकाई के अध्यक्ष हैं शिवपाल यादव


पार्टी पर नियंत्रण को लेकर पिछले कुछ दिनों से जारी संघर्ष के बीच मुलायम ने कहा, ‘‘मैं समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं और अखिलेश यादव (सिर्फ) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. शिवपाल यादव अब भी एसपी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हैं.’’


उन्होंने पहले से तैयार एक बयान को पढ़ते हुए जोर दिया, ‘‘रामगोपाल यादव को 30 दिसंबर 2016 को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था. इसलिए एक जनवरी 2017 को उनके द्वारा बुलाया गया राष्ट्रीय अधिवेशन अवैध था.’’